भोपाल, जून 2014/ मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री रामपाल सिंह ने भू-अर्जन एवं पुनर्वास की प्रक्रिया को सरल एवं परिणाममूलक बनाने की पुरजोर अपील की है। श्री सिंह नई दिल्ली में केन्द्रीय भू-तल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में विज्ञान भवन में भू-अर्जन अधिनियम 2013 एवं पुनर्वास संबंधी बैठक को संबोधित कर रहे थे। श्री सिंह ने भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास के लिए पृथक-पृथक कानून बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास लाभ निर्धारण का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए। साथ ही सेकेंड शिड्यूल को बंधनकारी न बनाकर राज्यों के लिए मार्गदर्शी बनाया जाना चाहिए।

राजस्व मंत्री श्री सिंह ने अधिनियम के अध्याय-दो में सोशल इम्पेक्ट असेसमेंट की अनिवार्यता को शिथिल करने तथा छोटी योजनाओं, जिनमें 100 हेक्टर तथा इससे कम भूमि का अधिग्रहण करना हो, को अध्याय-दो के प्रावधानों से मुक्त किये जाने का सुझाव दिया। राजस्व मंत्री ने कहा कि अनावश्यक विवाद और झगड़े पैदा न हों ऐसे में नये कानून को जारी करने के दिन से प्रभावशील करने तथा पुराने प्रकरणों को उससे मुक्त रखना चाहिए। पुराने प्रकरणों में यदि मुआवजा पर्याप्त न हो, तो पुराने कानून में भी न्यायालय जाने के प्रावधान रहते हैं।

श्री सिंह ने अधिनियम के अध्याय 12 की ओर बैठक का ध्यान दिलाते हुए कहा कि इससे सरकारी मशीनरी के प्रति अविश्वास की भावना आती है। इसमें भू-अर्जन अधिकारी को छोटी से बड़ी चूक पर जेल भेजने का प्रावधान है जिसके भय से अधिकारी भू-अर्जन एवं पुनर्वास जैसी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास करते हैं। अतएव इस पर भी गंभीरता से विचार कर समाधान करना चाहिए।

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