भोपाल, फरवरी 2015/ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण और स्वास्थ्य आयुक्त पंकज अग्रवाल ने जयप्रकाश अस्पताल में नवीन विस्तारित भवन में शुरू किये गये अलग स्‍वाइन फ्लू ओपीडी की व्यवस्थाएँ देखीं। सिविल सर्जन डॉ. अनिल शुक्ला ने रोगियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी।

केन्द्रीय दल ने की चर्चा

स्‍वाइन फ्लू के प्रकोप वाले सभी राज्य में सहयोग एवं सहायता की प्रक्रियाओं के आकलन के लिये स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार का 3 सदस्यीय दल प्रदेश के दौरे पर आया। दल भेजने का निर्णय केन्द्रीय सचिव की राज्य के मुख्य सचिवों से हुई वी.सी. के दौरान लिया गया था।

इसी तारतम्य में 19 एवं 20 फरवरी, 2015 को 3 सदस्यीय केन्द्रीय दल ने प्रदेश के इंदौर एवं भोपाल जिलों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद दल ने मुख्य सचिव एवं वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों से भेंट कर केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सामग्री एवं सहायता की समीक्षा की। दल ने राज्य में स्‍वाइन फ्लू के नियंत्रण के लिये किये जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया।

दल ने स्क्रीनिंग के लिये शुरू किये गये केन्द्रों तथा पॉजिटिव रोगी की लाइनिंग-लिस्टिंग करने के कार्य को अनुकरणीय बताया। इस मौसमी प्राकृतिक आपदा के नियंत्रण पर केन्द्र एवं राज्य सरकारें मिलकर युद्ध-स्तर पर कार्यवाही कर रही हैं। लोगों तक त्वरित उपचार के महत्व को बताने की प्रक्रिया को और तेज करने की व्यवस्था की जा रही है। राज्य के रेडियो, टी.व्ही. एवं अन्य संचार माध्यमों के जरिये लोगों के शीघ्र उपचार संबंधी सलाह का नियमित रूप से प्रसारण किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण द्वारा अवगत करवाया गया कि राज्य के हर घर तक यह संदेश पहुँचाने के लिये कार्यवाही की जाये। प्रत्येक स्वास्थ्य इकाई राज्य में उपलब्ध शहरी एवं ग्रामीण आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रतिदिन 50-50 घर में जाकर लोगों को संबंधित पेम्फलेट का वितरण तथा उपचार प्रक्रिया को समझाने की कार्यवाही की जाये। इस प्रकार प्रतिदिन 35 लाख घर में इस प्रक्रिया को प्रारंभ करने का प्रयास प्रारंभ किया जा रहा है। इस व्यवस्था को डेंगू एवं मलेरिया की रोकथाम के उपयोग में भी लागू किया जायेगा। लोगों को पुराने टायर, गमले न रखने, पानी जमा न होने देने और कूलर की जालियाँ और खस पेड नष्ट करने का अनुरोध भी किया गया है।

राज्य में 455 स्क्रीनिंग केन्द्र

स्‍वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग के लिये राज्य में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिलाकर 455 स्क्रीनिंग केन्द्र सक्रिय हैं। लगभग 75 हजार रोगी रोजाना परामर्श और उपचार सुविधा ले रहे हैं। राज्य में 311 रोगी पूरी तरह स्वस्थ होकर घर पहुँचे हैं। तीन माह की औषधियों की व्यवस्था है। प्रत्येक परिवार तक बचाव के संदेश पहुँचाने का अभियान भी लगातार चल रहा है। अभियान का ही नतीजा है कि छतरपुर और देवास जिले में कोई भी रोगी सामने नहीं आया।

यदि रोग से बचने के लिये नागरिक स्वयं जागरूक हों तो इसका लाभ तत्काल ही मिलता है। जयप्रकाश अस्पताल में पृथक स्‍वाइन फ्लू ओपीडी में अवधपुरी निवासी राकेश और हेमा विश्वकर्मा बेटे गुलशन को लेकर आये। पल्स और ऑक्सीजन की जाँच करवाकर वे निश्चिंत हुए और चिकित्सक से सलाह लेकर संतोष व्यक्त कर लौटे। एक विवाह समारोह में बेटे को ले जाने के बाद कल रात मामूली जुकाम से प्रभावित दिखाई देने पर विश्वकर्मा दम्पत्ति इस सुझाव को ध्यान में रखते हुए बेटे को लेकर अस्पताल में पहुँचे कि ‘भीड़भाड़ के क्षेत्र में जाने से बचें, स्वच्छता का पालन करें और थोड़े से लक्षण दिखाई दें तब भी अस्पताल पहुँचकर परामर्श लें।” इसी तरह लहारपुर के रोहित और पूनम शुक्ला ने एक साल के बेटे मधुर को जे.पी. अस्पताल लाकर डॉक्टर की सलाह ली और निश्चिंत होकर लौटे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here