भोपाल, दिसम्बर 2014/ आदिम-जाति एवं अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह ने कहा कि अनुसूचित-जाति एवं जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिये इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेज्युएशन बड़ी चुनौती है। विद्यार्थी उच्च शिक्षा में अभिरुचि होते हुए भी साधनों के अभाव से गेट एवं केट की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं। इसके लिये 24 सीट की स्वीकृति शासन ने दी है। विद्यार्थी प्रारंभिक प्रशिक्षण का लाभ लेकर उच्च शिक्षा बेहतर तरीके से प्राप्त कर सकते हैं। श्री सिंह अनुसूचित-जाति विभाग द्वारा आयोजित गेट और केट के प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर सांसद आलोक संजर उपस्थित थे।
प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिये अनुसूचित-जाति वर्ग के 24 छात्र-छात्रा का चयन किया गया है। इस केन्द्र में 142 छात्रा-छात्रा ने आवेदन किया था। परीक्षा में मेरिट में सर्वाधिक 79.43 प्रतिशत अंक वाले अनुसूचित वर्ग के छात्र को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है और 74.10 प्रतिशत अंक वाले छात्रों का चयन हुआ है। इसी तरह एक विकलांग छात्र ने 68.50 प्रतिशत लेकर मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिये अनुसूचित-जाति बालिका वर्ग में 77.20 प्रतिशत अंक लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है और 72.56 प्रतिशत अंक वाली बालिकाओं का चयन किया गया है।
इसी प्रकार अनुसूचित-जनजाति बालक वर्ग में 74.30 प्रतिशत अंक लेकर प्रथम स्थान पर रहे तथा 65.78 प्रतिशत अंक वाले बालकों का प्रशिक्षण के लिये चयन किया गया। सभी छात्र-छात्राएँ केन्द्र में रहकर 6 माह का प्रशिक्षण लेंगे। गेट और केट की होने वाली परीक्षाओं में भाग लेंगे।
मंत्री ने संभागीय उपायुक्त आदिवासी तथा अनुसूचित-जाति विकास भोपाल संभाग के कार्यालय भवन का भी लोकार्पण किया। भवन का निर्माण 39 लाख 70 हजार की लागत से किया गया है।