भोपाल, अप्रैल 2015/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तम कार्य करने वाले और श्रेष्ठ कार्य संपादन, आकलन, सूचकांक अपनाने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने को कहा है। वे नई दिल्ली में केन्द्र सरकार की योजनाओं के परिणाममूलक प्रभावी अमल, केन्द्र समर्थित योजनाओं में आर्थिक दृष्टि से केन्द्र और राज्य की हिस्सेदारी जैसी प्रक्रिया के युक्तियुक्तकरण के लिये गठित मुख्यमंत्रियों वाली उप समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
बैठक में केन्द्र पोषित योजनाओं की संख्याओं को कम करने, राज्यों को अपनी आवश्यकता के अनुरूप योजनाओं का चयन करने में स्वतंत्रता और अपनी आवश्यकतानुसार नई योजना बनाकर प्रस्तुत करने की छूट, प्रशासनिक क्षमता के सुदृढ़ीकरण में केन्द्रीय सहयोग, फ्लेक्सी फण्ड योजनाओं में लचीलापन लाने, जम्मू-कश्मीर जैसे सरहदी राज्य, बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े इलाकों की जरूरतें, देश के पर्वतीय क्षेत्रों, उत्तर पूर्वी राज्यों की आवश्यकताएँ और उनके अनुरूप योजनाएँ एवं केन्द्रीय सहायता सुलभ करवाने जैसे मामलों पर गम्भीर मंत्रणा की गई।
श्री चौहान ने बैठक में पूर्व योजना आयोग के काम को मात्र रस्मी निरूपित करते हुए कहा कि तब साल में एक बार आकर मात्र कुछ ही घंटों में वार्षिक योजना की स्वीकृति लेना होती थी। नीति आयोग से राज्यों से निरंतर मार्गदर्शन देने और सतत पर्यवेक्षण कार्य करने की अपेक्षा की। कहाकि नीति आयोग और राज्यों के बीच सतत सम्पर्क बना रहना चाहिये। उप समिति ने नीति आयोग की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती सिन्धुश्री खुल्लर की अध्यक्षता वाले वर्किंग ग्रुप को आगामी बैठक के लिये एक वर्किंग ड्राफ्ट तैयार करने का दायित्व सौंपा। उप समिति की आगामी बैठक गुरूवार 28 मई को भोपाल में होगी जिसमें वर्किंग ड्राफ्ट पर मंथन होगा और उप समिति अपनी अनुशंसाओं को लिपिबद्ध करवायेगी।
भोपाल में होने वाली बैठक के पहले वर्किंग ग्रुप के सदस्य देश ऐसे राज्यों में जायेंगे जिनके मुख्यमंत्री उप समिति के सदस्य नहीं हैं। उनकी राय भी लेंगे और सुझावों का समावेश अंतिम प्रतिवेदन में किया जायेगा।
बैठक में मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश, झारखण्ड, राजस्थान के मुख्यमंत्री तथा जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री ने अपने-अपने राज्यों की दुर्गम परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये। उत्तरप्रदेश, केरल तथा तेलंगाना राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी बैठक के लिये अपने लिखित सुझाव भेजे। बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिन्धुश्री खुल्लर, मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा और केन्द्र तथा राज्यों के संबंधित अधिकारी शामिल थे।