प्रदेश में पर्यावरण के साथ और बिजली की माँग और आपूर्ति के बीच अंतर को कम करने के लिये अक्षय ऊर्जा पर केन्द्रित संयंत्रों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है, जहाँ विकासखण्ड-स्तर पर अक्षय ऊर्जा शॉप हैं। पूर्व में केन्द्र सरकार के निर्देश पर केवल जिला-स्तर पर अक्षय ऊर्जा शॉप संचालित की जा रही थीं। वर्तमान में 328 अक्षय ऊर्जा शॉप के जरिये अक्षय ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से 20 करोड़ का टर्न-ओव्हर किया जा चुका है।
ऊर्जा विकास निगम ने 313 विकासखण्ड में निजी अक्षय ऊर्जा शॉप स्वीकृत की हैं। विकासखण्ड-स्तरीय अक्षय ऊर्जा शॉप के अलावा 7 संभाग-स्तरीय जिलों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और रीवा में एक से ज्यादा शॉप स्वीकृत की गयी हैं। विकासखण्ड-स्तर पर अक्षय ऊर्जा शॉप खोले जाने से अधिक से अधिक व्यक्ति को अक्षय ऊर्जा संयंत्रों का लाभ मिल रहा है। इन शॉप पर विद्यार्थियों और ग्रामीणजन को अक्षय ऊर्जा तकनीक एवं इससे होने वाली बचत के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। अक्षय ऊर्जा शॉप में 16 स्ट्रीट लाइट, होम लाइट, सौर गर्म जल संयंत्र, सोलर कुकर, लालटेन, टार्च, मोबाइल चार्जर, बॉयोमास कुक स्टोव्ह, एलईडी बल्ब और ट्यूबलाइट की बिक्री की जा रही है। प्रदेश में इन संयंत्रों के मेंटेनेंस के लिये 2000 तकनीशियन को प्रशिक्षण दिया गया है। ऊर्जा विकास निगम द्वारा ऐसी शॉप, जिनका टर्न-ओव्हर 30 हजार रुपये प्रतिमाह है, प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
भोपाल के 5 नम्बर बस-स्टॉप स्थित ऊर्जा विकास निगम के कार्यालय परिसर में भी अक्षय ऊर्जा शॉप संचालित की जा रही है। इसमें अक्षय ऊर्जा से संबंधित संयंत्रों का प्रदर्शन किया गया है।