भोपाल, अगस्‍त 2013/ शासकीय अस्पतालों की व्यवस्था को ओर सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन ने निजी प्रेक्टिस के संबंध में नया आदेश जारी कर सुस्पष्ट व्यवस्था लागू की है। इसके साथ ही 503 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति का आदेश भी जारी किया गया है। इससे शहरी और ग्रामीण आबादी को बेहतर उपचार सुविधाएँ मिलेंगी। शीघ्र ही 266 और चिकित्सकों की नियुक्ति की जा रही है। इस तरह 769 नव नियुक्त चिकित्सक रोगियों को अपनी सेवाएँ प्रदान करेंगे।

सामान्य प्रशासन विभाग के 13 जनवरी 1999 को जारी एक आदेश द्वारा मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों की निजी प्रेक्टिस पर लगाया गया प्रतिबंध हटाया गया था। उक्त आदेश के तारतम्य में शासकीय चिकित्सकों की निजी प्रेक्टिस के संबंध में अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा नवीन आदेश जारी कर स्पष्ट किया गया है कि निजी प्रेक्टिस केवल कर्त्तव्य अवधि के बाहर की जा सकेगी। विभाग के अंतर्गत कार्यरत शासकीय चिकित्सक अपने निवास पर निजी प्रेक्टिस के अन्तर्गत केवल परामर्श सेवाएँ ही दे सकेंगे। शासकीय चिकित्सक स्वयं के नाम अथवा परिजन के नाम से कोई क्लीनिक, नर्सिंग होम अथवा निजी चिकित्सालय संचालित नहीं कर सकेंगे। परामर्श सेवाएँ मात्र पदस्थापना मुख्यालय पर ही दे सकेंगे।

शासकीय चिकित्सक को किसी भी निजी नर्सिंग होम, निजी चिकित्सालय या प्रायवेट क्लीनिक में जाकर किसी भी प्रकार की प्रेक्टिस, जिसमें परामर्श सेवाएँ भी सम्मिलित हैं, की अनुमति नहीं होगी। परामर्श के लिए वे केवल मूलभूत उपकरण/इन्स्ट्रूमेंट (यथा स्टेथोस्कोप, बीपी इनस्ट्रूमेंट, ऑप्थेल्मोस्कोप, ओटोस्कोप, ईसीजी मशीन आदि) ही निवास पर रख उपयोग कर सकेंगे। ऐसे उपकरण जिनके लिए पृथक से लाइसेंस की आवश्यकता होती है (जैसे एक्स-रे मशीन, यूएसजी, ईको-कार्डियोग्राफी मशीन आदि) उन्हें अपने निवास पर अपने नाम से पंजीकृत कर कतई नहीं रख सकेंगे। इसके साथ ही चिकित्सक अपने निवास पर अपने परिजन अथवा अन्य व्यक्ति के नाम से स्थापित/पंजीकृत उपकरणों पर कार्य के लिए स्वयं का नाम रजिस्टर नहीं कर सकेंगे एवं स्वयं उस उपकरण पर कार्य की रिपोर्टिंग नहीं कर सकेंगे। अन्य ऐसे उपकरण जिनका उपयोग शल्यक्रिया में किया जाता है जैसे डेन्टल चेयर, यागर लेजर मशीन आदि स्वयं के नाम पर अपने निवास पर नहीं रख सकेंगे न ही निवास पर अन्य किसी परिजन के नाम से रखी गयी मशीन पर कार्य करेंगे। पैथॉलाजी या बायोकेमिस्ट्री जाँचों के लिए निजी प्रेक्टिस के लिए कोई उपकरण नहीं रखे जा सकेंगे।

यदि कोई भी शासकीय चिकित्सक इस नई व्यवस्था का उल्लंघन करता है तो उसे मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 16 के उप नियम (4) का उल्लंघन माना जाएगा और मध्यप्रदेश सेवा नियम 1966 के अन्तर्गत यह दण्डनीय होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here