भोपाल, मई 2013/ निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों द्वारा चुनावी गतिविधियों में बच्चों का उपयोग न करने को लेकर सख्त निर्देश दिये हैं। निर्देश पर कार्रवाई करते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने प्रदेश के समस्त कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस संबंध में राजनैतिक दलों को अवगत करवाने को कहा है।
निर्वाचन आयोग ने चुनावी गतिविधियों में बच्चों के उपयोग को अत्यंत आपत्तिजनक माना है। आयोग की मंशा है कि कोई भी पार्टी बच्चों के प्रति संवेदनहीनता न बरते। चुनाव प्रचार, प्रचार सामग्री लाने ले जाने सहित किसी भी काम में बच्चों का उपयोग न हो। निर्देशों का उल्लंघन होने पर दोषी पाये गए राजनैतिक दलों को संबंधित कानून के अलावा निर्वाचन आयोग की कार्यवाही का सामना भी करना पड़ सकता है।
चुनाव आयोग ने राजनैतिक दलों का ध्यान बाल-श्रम (प्रतिबंध एवं नियमन) अधिनियम-1986 की ओर दिलाया है। अधिनियम में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सामान्य परिवहन आदि ऐसे विशिष्ट व्यवसायों में रोजगार देने पर प्रतिबंध है, जो बच्चों के लिये असुरक्षित और नुकसानदेह माने जाते हैं। इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दण्ड का प्रावधान है। साथ ही ऐसे अन्य कानून भी हैं, जिनमें बच्चों से काम करवाने पर रोक है। ये अधिनियम उन सभी प्रतिष्ठान और वर्कशॉप पर लागू होता है, जिनमें औद्योगिक प्रक्रिया चलाई जाती है।