दुनिया में इस समय जो राजनीतिक व्यवस्था चल रही है उसमें अनेक देशों में बड़बोले नेताओं का वर्चस्व है। इनमें अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप से लेकर उत्तरी कोरिया के किम जोंग उन तक का नाम शामिल किया जा सकता है। जमीन पर काम हो या न हो लेकिन बातों में सारे काम पुख्ता हो रहे हैं। कई बार तो लगने लगता है कि पूरी दुनिया काम से नहीं सिर्फ बातों से ही चल रही है।
बात की यह बात इसलिए उठी क्योंकि ऐसे ही एक बड़बोले नेता फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने हाल ही में ऐसा ही एक गालफुलाऊ बयान दिया है। कुछ दिन पहले अपने भारत में एक मंत्रीजी ने डार्विन की विकास वाद की थ्योरी को खारिज करते हुए कहा था कि हमारे पूर्वज बंदर थे, इस बात को वे नहीं मानते।
अब दुतेर्ते ने फिलीपींस की दावाओ सिटी में साइंस एंड टेक्नोलॉजी से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “यदि कोई ये कह सकता है कि उसने स्वर्ग देखा है या उसने भगवान से बात की है या उन्हें देखा है, तो वह आज रात ही राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे देंगे।‘’
लेकिन इसके लिए दुतेर्ते ने एक शर्त रखी, उन्होंने कहा-‘’मैं सिर्फ एक प्रत्यक्षदर्शी से मिलना चाहता हूं, जो कहे कि चर्च में मौजूद बेवकूफों के आदेश पर मैं स्वर्ग गया था और वहां मैंने भगवान से बात की। भगवान सचमुच है और हमने साथ में एक सेल्फी भी ली।”
दुतेर्ते यहीं नहीं रुके, कैथोलिक चर्च को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि कैथोलिक चर्च के अनुयायियों को चर्च में पैसे दान क्यों करने पड़ते हैं? यदि आप सचमुच लोगों की मदद कर रहे हो तो आपको उनसे पैसे लेने की क्या जरुरत है? चर्च में बच्चों को भी अशुद्ध बताया जाता है और उन्हें शुद्ध करने के लिए शुल्क लिया जाता है।
इससे कुछ दिन पहले दुतेर्ते ने बाइबिल का संदर्भ देते हुए आदम और हव्वा के निषिद्ध फल को खाने और बाद में उन्हें बगीचे से बाहर फेंके जाने की कहानी की आलोचना करते हुए सवाल किया था कि पहले लालसा जगाने वाला और फिर आदम और हव्वा को बगीचे से बाहर फेंक देने वाला “यह मूर्ख भगवान कौन है?”
फिलीपींस ईसाई धर्म को मानने वाला देश है और जाहिर है वहां के राष्ट्रपति के ऐसे बयानों की चर्च ने कड़ी आलोचना की है। एक कैथोलिक बिशप ने दुतेर्ते को मनोरोगी तक घोषित कर दिया था। राजनीतिक विरोधियों का कहना है कि दुतेर्ते बुराइयों का पुतला हैं और उनकी नीतियों में क्रूरता और धोखेबाजी है।
खैर… यह फिलीपींस का मामला है वहां के राष्ट्रपति क्या कहते हैं और वहां की जनता और राजनीतिक दल उनके बयानों को किस रूप में लेते हैं यह भी उनका विषय है। लेकिन दुतेर्ते के ताजा बयान को लेकर मेरे मन में एक सवाल आया…
सवाल यह है कि दुतेर्ते की ही तर्ज पर यदि अपने भारत में कोई नेता ऐसा बयान दे तो क्या हो कि आप भगवान के साथ सेल्फी लाकर दिखाओ। यदि आप साबित कर दो कि आपने स्वर्ग देखा है या भगवान से बात की है या उन्हें देखा है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा।
मुझे लगता है कि दुतेर्ते के विपरीत हमारे यहां उस नेता को तत्काल इस्तीफा देना पड़ जाएगा। क्योंकि हमारे यहां न तो भगवान को मानने वालों की कमी है और न ही भगवानों की। पता नहीं दुतेर्ते का ‘भगवान’ से क्या आशय है लेकिन हमारे यहां तो कोई भी बाबा, महंत या जटाधारी स्वयंभू भगवान बन जाता है।
और हमारे ऐसे भगवानों को फोटो खिंचवाने का भी बहुत शौक होता है। इतना ज्यादा शौक कि वे मंच पर आकर नाच गाने से लेकर तमाम ऊलजलूल हरकतें करते रहते हैं। ऐसे में उनके साथ सेल्फी लेना कौन सी बड़ी बात है। पास से न सही दूर से क्लिक कर लें…
यदि आपको ऐसा कोई स्वयंभू भगवान न भी मिले तो हमारे यहां तो यह भी सुविधा है कि आप चाहे जिसे अपना भगवान मान लें। हम तो फिल्म स्टारों से लेकर नेताओं तक को भगवान के रूप में पूज लेते हैं, उनके मंदिर बनाए जाते हैं, उनकी चालीसाएं और आरतियां लिखी जाती हैं…
ऐसे में कौन मुश्किल है किसी भगवान के साथ सेल्फी लेना और नेता से इस्तीफा पटकवा लेना। हम जिसे चाहें अपना भगवान घोषित कर ऐसे इस्तीफों की लाइन लगवा सकते हैं। जरा सोचकर देखिए, ऐसा बड़बोलापन हमारे किसी नेता ने दिखाया तो देश की राजनीति का स्वरूप क्या होगा?
लोग चुनाव में जाने के बजाय सेल्फी मोड में जाना पसंद करेंगे। क्योंकि उस जरिये से किसी नेता को टपकाना ज्यादा आसन होगा। जहां तक सेल्फी का सवाल है, इसमें भी हमें महारत हासिल है। पूरा देश इस समय सेल्फी ही तो ले रहा है… या तो हम वाट्सएप पर बिजी हैं या सेल्फी लेने में…
बस एक दिक्कत है, लोकतंत्र के कुछ नास्तिक सिरफिरों ने यदि किसी गरीब को अपना भगवान मान लिया और फटे चीथड़ों में लिपटी उसकी जीर्णशीर्ण काया के साथ अपनी सेल्फी लेकर प्रस्तुत कर दी तो वह फोटो कहीं मंजूर नहीं होगा… उस फोटो को देखने के बाद कोई नेता अपना इस्तीफा नहीं देगा, हां हो सकता है आपको चार लात और पड़ जाए…
दरअसल बड़े लोगों से इस्तीफा दिलवाने के लिए ऐसी ‘सेल्फी’ भी बड़े और भव्य भगवान के साथ चाहिए… माना कि हमारे यहां भगवान गली-गली में बिराजे हैं, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं हुआ ना कि आप किसी भी भूखे नंगे या सर्वहारा में भगवान देखने लगें…