भोपाल। सांसदों, विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए स्थापित विशेष न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत के खिलाफ आर्थिक अपराध से जुड़े आरोपों की जांच के निर्देश दिए हैं।
याचिका में आरोप है कि मंत्री ने एक साल पहले सागर जिले में 50 एकड़ कृषि भूमि बेनामी संपत्ति के तौर पर अपने ससुराल पक्ष के लोगों के नाम खरीदी। इसके बाद इस कृषि भूमि की स्वयं तथा अपने परिजनों के नाम पर दान पत्र के आधार पर रजिस्ट्री करवा ली। इस पूरे मामले में आर्थिक अपराध की बड़ी धोखाधड़ी यह हुई है। रजिस्ट्री शुल्क भी कम जमा किया गया, जिससे शासन को करीब 50 लाख रुपए की हानि जानबूझकर पहुंचाई गई। याचिका के साथ पांच बड़े अपराधों की सूची भी जमा की गई हैं।
याचिकाकर्ता चंद्रमोहन दुबे के अधिवक्ता यावर खान का कहना है कि आर्थिक अपराध, बेनामी संपत्ति, जालसाजी धोखाधड़ी के संबंध में याचिका दायर कर विशेष न्यायालय से मामले की जांच एवं प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी। इस पर न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल को जांच करने के आदेश दिए है। ब्यूरो से अपनी स्टेटस रिपोर्ट 17 फरवरी 2023 तक न्यायालय में पेश करने को कहा गया है।