गंदगी धोने में
थोड़ा हाथ मैला हो गया,
पर, मेरा पानी से
रिश्ता और गहरा हो गया….
ये अँधेरा ही न होता
तो बताओ फिर मुझे
क्या पता चलता कि
जीवन में सवेरा हो गया….?
दो मुलाक़ातें हुईं
उससे मगर अब देखिये,
अजनबी जो कल तलक था
यार मेरा हो गया….
इन परिंदों के लिए
क्या आम, महुआ, नीम क्या ?
मिल गया जो पेड़
उस पर ही बसेरा हो गया….
वो किसी की पीर या
दुख-दर्द आखिर क्या सुने ?
कान वाला हो के जो
इन्सान बहरा हो गया….