भोपाल। मध्यप्रदेश में बिगड़े लिंगानुपात को सुधारने की खातिर शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना ने पाँच साल पूरे कर लिए हैं। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन गया है जहाँ बेटियों के भविष्य की न केवल चिंता की जा रही है बल्कि उनके हित में अनेक योजनाएँ भी चलाई जा रही है।

इस योजना की निरंतर हो रही निगरानी और क्रियान्वयन का ही परिणाम है कि अब तक 11 लाख 42 हजार 352 बालिकाएँ लाड़ली लक्ष्मी बन चुकी हैं। मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा लाड़ली (2 लाख 41 हजार 193) जबलपुर संभाग की है। दूसरे क्रम में इंदौर संभाग की एक लाख 84 हजार 566, तीसरे स्थान पर उज्जैन संभाग है जहाँ एक लाख 34 हजार 556 बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिला है। सागर संभाग में भी एक लाख 20 हजार 578 लाड़ली बनी हैं। भोपाल संभाग में एक लाख 15 हजार 222, रीवा में 88 हजार 206, ग्वालियर में 87 हजार 562, नर्मदापुरम में 58 हजार 802, चम्बल में 56 हजार 644 और शहडोल संभाग में 55 हजार 23 कन्याओं को इस योजना का लाभ मिला है।

 

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