भोपाल, दिसंबर 2012/ प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए शासन द्वारा गाँवों में ग्राम स्वास्थ्य समितियों का गठन किया जा रहा है। अब तक 46 हजार197 समितियाँ गठित की जा चुकी हैं। कुल 51 हजार ग्राम स्वास्थ्य समितियाँ गठित होगी। प्रत्येक समिति को 10,000 की राशि व्यय हेतु दी जाएगी।

ग्राम स्वास्थ्य समिति में 20 सदस्य रहेंगे। समिति की अध्यक्ष महिला सदस्य होगी। पंचायत सचिव एवं आशा आँगनवाड़ी कार्यकर्ता क्रमशः संयुक्त सचिव तथा कोषाध्यक्ष होंगें। गाँव की महिला पंच, आशा, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, मातृ सहयोगी समिति के अध्यक्ष, मध्यान्ह भोजन समूह की प्रतिनिधि तथा हेण्डपम्प मैकेनिक समिति के अन्य सदस्य होंगे।

ग्राम स्वास्थ्य समितियों के सदस्यों को प्रशिक्षण देने की महत्वाकांक्षी योजना भी अक्टूबर 2012 से शुरू की गई है। प्रथम चरण में 34 राज्य स्तरीय मास्टर प्रशिक्षक और 86 राज्य प्रशिक्षक को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा 9000 जिला प्रशिक्षक के प्रशिक्षण का कार्य नवम्बर से प्रारंभ कर दिया गया है। इन सभी प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा माह जनवरी, 2013 से समिति सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। समिति सदस्यों के प्रशिक्षण की अवधि तीन दिन की होगी। मार्च 2013 तक 2 लाख 30 हजार सदस्य को प्रशिक्षित किया जाएगा। शेष समिति सदस्यों का प्रशिक्षण जुलाई 2013 तक पूरा होगा। प्रशिक्षण में मुख्य रूप से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की विभिन्न गतिविधियों के साथ साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल एवं पूरक पोषण पर विशेष जोर दिया गया है।

ग्राम स्वास्थ्य समितियों के प्रमुख कार्य ग्राम आरोग्य केन्द्र के लिए सामग्री उपलब्ध करवाने, रजिस्टर, हस्ताक्षर पंजी, दरी, ग्राम स्तर पर आशा श्रोता समूह के लिए रेडियो, प्रचार-प्रसार के लिए दीवार लेखन, पेयजल स्त्रोत की साफ-सफाई, कचरा पेटी, गंभीर मरीजों का रेफरल, कुपोषण दूर करने के लिए किचिन गार्डन आदि के विषय में जागरूक करना होंगे। लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की इस योजना में महिला-बाल विकास, ग्रामीण विकास एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मध्य बेहतर समन्वय पर जोर दिया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here