भोपाल, दिसम्बर 2015/ उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा है कि स्थानीय वास्तुकला वैश्विक सोच को स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करने का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण तथा बेहतर माध्यम है। स्थानीय वास्तुकला को मुख्य धारा से जोड़ा जाना आवश्यक है। श्रीमती सिंधिया आज भोपाल के इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में तीन दिवसीय ‘सावा’ साउथ एशियन वर्नकुलर आर्किटेक्चर कार्यशाला का उदघाटन कर रही थी। इस अवसर पर स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता कोहली, आई.टी.आर.एच.डी. अध्यक्ष श्री शशिकांत मिश्र, निदेशक इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय श्री सरित चौधरी उपस्थित थे।
उद्योग मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि स्मार्ट सिटी की अवधारणा को मूर्तरूप देने में स्थानीय वास्तुकला को भी जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने में स्थानीय वास्तुकला एक बेहतर माध्यम साबित हो सकती है। श्रीमती सिंधिया ने कहा कि स्थानीय वास्तुकला को नगरीय प्रशासन, पुरातत्व विभाग आदि के साथ मिलकर भविष्य के विकसित भारत का निर्माण किया जा सकता है।
इस अवसर पर श्रीमती सिंधिया ने ‘टूवर्डस ए हिस्टिरी ऑफ आर्किटेक्चर-एन इनडिजिनियस परस्पेकिटिव’ पुस्तक का विमोचन भी किया।