भोपाल, जुलाई 2014/ प्रदेश में गर्भधारण पूर्व एवं निदान तकनीक ( लिंग चयन प्रतिषेध ) अनिनियम 1994 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दोषियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून एनएसए में कार्यवाही की जाए। अधिनियम के अंतर्गत गठित राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिनियम के अंतर्गत कलेक्टर ग्वालियर द्वारा एक प्रकरण में की गई एनएसए की कार्रवाई के संदर्भ में यह निर्देश दिए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि अन्य जिलों में भी सोनाग्राफी के माध्यम से भ्रूण के लिंग की जाँच करने वाले केन्द्रों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगें। कलेक्टर के नेतृत्व में यह कार्रवाई की जाएगी। दल गठित कर सोनाग्राफी केन्द्रों का निरंतर निरीक्षण किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हर हफ्ते निरीक्षण करेंगे। बैठक के दौरान राज्य शासन की प्रोत्साहन योजना में ग्वालियर के डॉ. के.के. दीक्षित को 2 प्रकरण में सहयोग के लिए 50 हजार की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई।

बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश में हमारी बिटिया अभियान के तहत बालिकाओं के जन्म को प्रोत्साहित करने और जनसंख्या में महिला-पुरुष अनुपात को समान बनाने के उद्देश्य से जिला स्तर पर समुचित प्राधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। गत दस माह में 882 केन्द्र का निरीक्षण किया गया, 30 केन्द्रों का पंजीयन निरस्त किया गया और 23 केन्द्र सील किए गए। कुल 8 प्रकरण न्यायालय में दर्ज करवाए गए। राज्य निरीक्षण और पर्यवेक्षण दल ने भी निरीक्षण की कार्रवाई की है। बैठक में बोर्ड की सदस्य विधायक श्रीमती ललिता यादव और सुश्री नंदिनी मरावी उपस्थित थी।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रालय में मध्यप्रदेश राज्य बीमारी सहायता निधि की राज्य स्तरीय प्रबंधन समिति की बैठक भी हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि एक रोगी को एक से अधिक गंभीर रोग होने पर दूसरी बार भी आर्थिक सहायता की पात्रता होगी। इसी तरह ह्दय रोगियों को इमरजेन्सी की स्थिति में तत्काल शल्य चिकित्सा दी जाएगी। अन्य प्रकरणों में अधिकतम दो माह में सर्जरी के लिए समय निर्धारित किया जाएगा। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में भोपाल और नर्मदापुरम राजस्व संभाग के जिलों भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ होशंगाबाद, हरदा, बैतूल जिले के ह्दय रोगियों को प्राथमिकतापूर्वक शल्‍य चिकित्सा दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मिश्रा ने निधि के अंतर्गत सहायता मंजूर करने की प्रक्रिया को और सरल बनाने के निर्देश दिए।

बताया गया कि गत वर्ष निधि से 6925 हितग्राही को 65.18 करोड़ रुपए की राशि इलाज के लिए दी गई। अब कलेक्टर को 2 लाख रुपए तक की मंजूरी के अधिकार दिए गए हैं।

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