भोपाल, दिसंबर 2012/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सेना के जवानों के बीच पूरा दिन बिताया। मुख्यमंत्री ने जवानों से उनकी कुशल-क्षेम पूछी और उनकी दिनचर्या की जानकारी ली।
श्री चौहान ने जैसलमेर से 120 किलोमीटर दूर तनौत गाँव में भारत-पाक सीमा पर बने तनौत माता के मंदिर में भी मत्था टेका। एक समय भाटी राजपूत शासक तनु राव की राजधानी रहे तनौत में हिंगलाज देवी की अवतार तनौत देवी का यह मंदिर भारत-पाक युद्ध का एक ऐसा गवाह मंदिर है, जिसके आसपास पाकिस्तान द्वारा सन् 1965 के युद्ध के दौरान बरसाये गये 3000 से ज्यादा बम दैवीय आशीर्वाद से फटे ही नहीं। इसके बाद इस मंदिर की प्रसिद्धि लोगों और क्षेत्र में बढ़ गई। सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी जब पाकिस्तानी सेना ने 4 दिसम्बर की रात्रि में लोंगोवाल गाँव पर अचानक हमला किया तो बीएसएफ और पंजाब रेजीमेन्ट की एक-एक टुकड़ी ने ही आक्रमण को विफल कर दिया। भारतीय टुकड़ियों की पाक सेना के विरूद्ध यह सफलता युद्धों के विश्व इतिहास की अद्वितीय घटना मानी जाती है। भारतीय सेना की इस अभूतपूर्व सफलता की स्मृति में तनौत माता के मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक लोंगोवाल विजय स्मारक बना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्मारक पर भी श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। आस-पास के गाँव वालों सहित भारतीय सेना के जवान भी इस मंदिर को पाकिस्तान के लिये पनौती और अपने लिये शुभ मानते हैं।