भोपाल, अगस्‍त 2013/ मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, संन्निर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत मजदूरों, हाथ ठेला एवं साईकिल रिक्शा चलाने वाले, निःशक्त जन और बेसहारा लोगों को गरीबी रेखा की सूची में जोड़ा जायेगा और उन्हें भी एक रुपये किलो गेहूँ, दो रुपये किलो चावल और एक रुपये किलो नमक उपलब्ध करवाया जायेगा। यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसके लिये जल्दी ही प्रशासनिक औपचारिकता पूरी कर ली जायेगी। गरीबों को अनाज वितरण की जिम्मेदारी सहकारी संस्थाओं की होगी। श्री चौहान यहाँ सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों और जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों के प्रतिनिधि- मंडल से चर्चा कर रहे थे। सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जनहितैषी नीतियों और सहकारिता आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिये किये गये प्रयासों के लिये मुख्यमंत्री का सम्मान किया।

श्री चौहान ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से गरीबों की ज्यादा से ज्यादा सेवा करना ही पहला उद्देश्य है। किसानों के लिये शून्य प्रतिशत ब्याज दर करने और खाद के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था का व्यापक प्रभाव पड़ा है। पिछले तीन साल से खाद की कमी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन में तेजी आने से विकास की गति भी तेज हुई है। जो सहकारी बैंक वर्षों से घाटे में चल रहे थे वे अब फायदे में आ गये हैं। कोर बैंकिंग से भी सहकारी बैंकों की कार्य करने की क्षमता बढ़ी है। सरकार के अपने प्रयासों के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा वैद्यनाथन समिति के मापदंडों के आधार पर 600 करोड़ रुपये राज्य को नहीं भेजे गये।

इस अवसर पर शाजापुर केन्द्रीय सहकारी बैंक की ओर से उत्तराखंड आपदा पीड़ितों के लिए 3 लाख 12 हजार 658 की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में भेंट की गई। महानगर सहकारी बैंक भोपाल की ओर से 51 हजार की सहायता राशि दी गयी।

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