भोपाल। प्रदेश में बच्चों में कुपोषण को समाप्त करने के लिये प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में वृहद स्तर पर समुदाय की भागीदारी होगी। इसके अलावा बड़े औद्योगिक घरानों को भी इस अभियान से जोड़ा जायेगा। इस अभियान के दौरान समुदाय के सहयोग से लागू होने वाले नवाचारों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जायेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में सभी संभागीय आयुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों को आज यहाँ मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से विस्तृत दिशा-निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने संभागायुक्तों को निर्देश दिये कि वे अपने संभाग के जिलों के गाँवों में यह सुनिश्चित करें कि हर बच्चा आँगनवाड़ी केन्द्र जाये ताकि उसके स्वास्थ्य और पोषण स्तर पर निगरानी रखी जा सके। उन्होंने कहा कि अटल बाल आरोग्य मिशन की रणनीति अपनाते हुए डे-केयर सेंटर” में कुपोषित बच्चों को भेजने की कार्रवाई अवश्य करें। जब तक आँगनवाड़ी केन्द्रों के अपने भवन न बन जाये तब तक शासकीय शालाओं के अतिरिक्त कक्ष में भी आँगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा सकते हैं। श्री चौहान ने दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उन सभी परिवारों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में सब्जियों की बाड़ी विकसित करने के लिये सहायता देने के निर्देश दिये, जिनके पास थोड़ी-बहुत जमीन हैं।
श्री चौहान ने कृषि क्षेत्र में आयी गति को बनाये रखने के लिये नहरों और सिंचाई के अन्य संसाधनों का भरपूर दोहन करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि प्रदेश में उर्वरक और बिजली की कमी नहीं है। उर्वरक के लिये सभी इंतजाम किये गये हैं। संभागायुक्त उर्वरक को खेतों तक पहुँचाने और उठाव की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी पूरी संवदेनशीलता के साथ निभाये।
मुख्यमंत्री ने नवरात्र के दौरान अबाध रूप से विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान गरबा नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं और देर रात तक चलते हैं। उन्होंने पुलिस महानिरीक्षकों से गरबा आयोजकों के साथ संवाद बनाते हुए जिलों में देर रात तक पुलिस गश्त बढ़ाने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि बालाघाट जिले में अपनाई गई समुदाय-पुलिस संवाद की पहल को अन्य जिलों में भी लागू किया जाना चाहिये।
श्री चौहान ने बेटी बचाओ अभियान” की चर्चा करते हुए कहा कि अब यह लोगों का अभियान बन गया है। लोगों की मानसिकता बदलने के लिये इसे निरंतर चलाना जरूरी है। नई रणनीति के साथ इसे प्रदेश में जारी रखा जायेगा। मुख्यमंत्री ने धान उत्पादक क्षेत्रों में उपार्जन की स्थिति और तैयारियों, जिलों में लोक सेवा केन्द्रों के संचालन, डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिये किये गये प्रयासों और चिकित्सा व्यवस्था और फीडर विभाजन कार्य की समीक्षा की।