भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों को भूमि का हक दिलाने और व्यापक हित में भूमि सुधार कानून बनाने के लिये किये जा रहे जन-सत्याग्रह का समर्थन किया है। श्री चौहान सत्याग्रहियों का समर्थन करने 10 अक्टूबर को प्रातः आगरा के समीप तेहरा जायेंगे। वे सत्याग्रहियों के साथ पदयात्रा भी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 पर पुनर्विचार किया जाना चाहिये। इस अधिनियम के चलते आदिवासी समुदाय का अपनी ही जमीन पर कोई हक नहीं रह गया। उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार गरीबों, आदिवासियों के हक और उनके जीवन की बेहतरी के लिये जो भी कदम उठायेगी, प्रदेश सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी। साथ ही आदिवासियों के जीवन को दूभर करने वाले किसी भी कार्य का कड़ा विरोध किया जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि आदिवासियों को भी जीने का हक है। तथाकथित सभ्य समाज ने तो अपनी दुनिया अलग बसा ली, आदिवासी जंगल में ढकेल दिये गये। आदिवासियों के हक के प्रति मध्यप्रदेश की सरकार संवदेनशील है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक लाख 60 हजार आदिवासियों को वनाधिकार-पत्र सौंपे हैं। वनोपज का उचित मूल्य वनवासियों को मिले इसके लिये 5 वनोपज समर्थन मूल्य भी घोषित किये हैं। प्रत्येक आदिवासी को आवासीय भूमि उपलब्ध हो, इसके लिये आवासीय पट्टे देने की कार्रवाई की जायेगी।