भोपाल, अगस्त 2013/ प्रदेश में वृष्टि, अति-वृष्टि का रूप धारण करती जा रही है। बदले हालात पर काबू पाने के लिये राजस्व विभाग द्वारा प्रदेश के कलेक्टरों को निरंतर निर्देश दिये जा रहे हैं। मुख्य सचिव आर. परशुराम द्वारा हाल ही में जारी निर्देशों के अनुपालन में प्रत्येक जिले में स्थानीय हालातों के मद्देनजर जिला-स्तरीय समीक्षा बैठक की जा रही हैं। हर जिले ने बाढ़ और अति-वर्षा से निपटने के लिये अपनी-अपनी कार्य-योजना तैयार की है, जिसमें सभी विभाग के अधिकारियों को योजनाबद्ध कार्य करने के लिये पाबन्द किया गया है। बाढ़ एवं अति-वृष्टि से निपटने के लिये जिलों को अब तक 8 करोड़ 5 लाख रुपये प्रदाय किये जा चुके हैं।
जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि अपने-अपने जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों की नदी-नालों के किनारे एवं निचले इलाकों में बसी बस्तियों पर सतत निगाह रखें। बाढ़ की संभावना होते ही पहले से चिन्हांकित सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें। नाली एवं नालों की समुचित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करें।
प्रदेश में वर्षा से अब तक 51 जन-हानि, 225 पशु-हानि तथा 9214 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ ही 965 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है। 187 परिवार को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है। फिलहाल नर्मदा नदी का जल-स्तर कम होता जा रहा है। ओंकारेश्वर बाँध के 23 गेट से 774419 क्यूसेक और खण्डवा जिले के इंदिरा सागर बाँध के 12 गेट से 609309 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।