भोपाल, मई 2013/ राज्य शासन द्वारा वन, वन्य-प्राणियों की सुरक्षा और वन अपराधों पर नियंत्रण के लिये अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। वन अपराध की सूचना देने वाले व्यक्तियों को पुरस्कृत करने के लिये निधि बनाई गई है। मध्यप्रदेश वन सुरक्षा पुरस्कार नियम 2004 के तहत वन अपराध सिद्ध होने पर, वन अपराध का पता लगाने में अपराधी को पकड़ने में, अपराधी की दोष-सिद्धि में या वनोपज तथा अन्य वस्तुओं की जप्ती में सहायता देने वाले व्यक्तियों को 25 हजार रुपये तक का पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है।

वन मंत्री सरताज सिंह ने बताया कि जन-भागीदारी और क्षेत्रीय इकाइयों की सक्रियता से वन अपराधों पर नियंत्रण के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। अति-संवेदनशील वन क्षेत्रों में बीट व्यवस्था के स्थान पर सामूहिक गश्त के लिये 131 वन चौकी की स्थापना की गई है। गश्ती दलों को 12 बोर की 2600 बंदूक प्रदान की गई हैं। परिक्षेत्र स्तर तक 136 अधिकारियों को रिवाल्वर दी गई है। इसके अलावा 4,266 वायरलेस सेट, 5500 मोबाइल सिम, 2946 मोबाइल हेण्ड-सेट, 900 पीडीए और 900 दूरबीन प्रदाय की गई हैं।

वन अपराधों पर नियंत्रण एवं त्वरित कार्यवाही के लिये सभी वन वृत्त में उड़नदस्ता दल भी कार्यरत हैं। ऐसे क्षेत्रों में जहाँ संगठित वन अपराधों की संभावना है, विशेष सशस्त्र बल की 3 कम्पनियाँ भी तैनात की गई हैं।

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