भोपाल, जून 2013/ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है अधिकारी का कार्यकाल ऐसा होना चाहिये कि सेवानिवृत्ति के वर्षों बाद भी समाज उन्हें याद करे।
मुख्यमंत्री यहाँ 37 करोड़ 66 लाख लागत से निर्मित एकीकृत पुलिस प्रशिक्षण संस्थान, भौंरी के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रशिक्षुओं को सफलता के सूत्र बताते हुये उन्होंने कहा कि सफल पुलिस अधिकारी वह है जिसका खौफ हो और उसका आमजन में व्यवहार पुष्प की तरह कोमल हो। उन्होंने भगवत गीता का उल्लेख करते हुये कहा कि सात्विक कार्यकर्ता वह है जो कि निष्पक्ष, धैर्यवान, उत्साह से भरा हो तथा निर्विकार रहे।
श्री चौहान ने पुलिस अधिकारियों के लिये पाँव में चक्कर, मुँह में शक्कर, सीने में आग और माथे पर बर्फ का संदेश देते हुये कहा कि पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र में निरंतर दौरा करें, आम जनता के साथ उसका व्यवहार विनम्र होना चाहिये। अपराध मुक्त समाज की ललक और ठण्डे दिमाग से निर्णय लेने की क्षमता होना चाहिये। मध्यप्रदेश को डाकू समस्या से मुक्त, नक्सलवाद को रोकने, प्रदेश में एक भी साम्प्रदायिक दंगे नहीं होने देने के लिये मुझे मप्र पुलिस पर गर्व है। महिलाओं के प्रति अपराधों की जाँच और सजा दिलाने में उल्लेखनीय कार्य हुआ है परिणामस्वरूप तीन माह में ही सात अपराधियों को मृत्युदण्ड मिला।
कार्यक्रम को गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता संबोधित करते हुये कहा कि शांति व्यवस्था, जन विश्वास और विकास के लिये पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है।