भोपाल। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल ने लिंगानुपात में तेजी से आ रहे अंतर को समाज और भविष्य के लिए चिंताजनक बताया है। श्रीमती बघेल आज रवीन्द्र भवन में बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत कार्यशाला एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थीं। समारोह में महापौर श्रीमती कृष्णा गौर, कलेक्टर श्री निकुंज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

श्रीमती रंजना बघेल ने कहा कि समाज को बेटे-बेटियों में कोई भेदभाव न कर दोनों को बराबरी का दर्जा देना चाहिये। समाज और देश के लिये दोनों का संतुलन जरूरी है। बिगड़े लिंगानुपात को देखते हुए ही मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बेटी बचाओ अभियान शुरू किया गया है। अभियान को देश भर में प्रशंसा मिली तथा अन्य राज्यों में भी इसकी शुरूआत हुई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बेटियों-महिलाओं के भविष्य को सँवारने के लिये उनके जन्म से विवाह तक अनेक योजनाएँ बनाई हैं। मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जहाँ अब बेटियों के जन्म पर उत्सवी माहौल बनता है तो सरकार द्वारा बुजुर्ग महिलाओं को तीर्थ-दर्शन करवाया जा रहा है। बेटियों के प्रति फिक्रमंद राज्य सरकार उन्हें आत्म-निर्भर बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। अब वक्त आ गया है समाज को भी बेटियों के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा। उन्होंने समाज का आव्हान किया कि वह बेटियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने में महती भूमिका निभाए। श्रीमती बघेल ने मौजूद लोगों को बेटे-बेटी में कोई भेदभाव न करने का संकल्प भी दिलाया।

श्रीमती रंजना बघेल ने खेल, शिक्षा, बहादुरी, चित्रकला आदि क्षेत्रों में विशिष्ट स्थान अर्जित करने वाली भोपाल जिले की बालिकाओं कु. मधु सोंधिया, कु. तन्वी शर्मा, कु. आयुषी दीक्षित, कु. मीना नागर, कु. स्वाति नारोलिया, कु. मधु दास, कु. नम्रता पाण्डेय, कु. रितिका, कु. श्वेता गुप्ता, महिला जन-प्रतिनिधियों, एक बेटी के बाद परिवार नियोजन करवाने वाले अभिभावकों, बेटियों-महिलाओं के हित में कार्य करने वाली संस्थाओं, संगनी, न्यू समीरा संवेदना, सरोकार, ताल, बिटिया क्लब, आधार, भारत ज्ञान-विज्ञान, परवरिश, एक्शन एड, चित्रकार श्री अनिल गोयल, प्राइवेट मेडिकल प्रेक्टिशनर एसोसिएशन, मध्यप्रदेश वालिंटियरी हेल्थ एसोसिएशन, अटल बाल मिशन की दानदाता संस्थाओं आदि को स्मृति-चिन्ह व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। श्रीमती बघेल ने लगभग एक दर्जन बालिकाओं का तिलक लगाकर पूजन भी किया।

इसके पूर्व कार्यशाला में अनेक जन-प्रतिनिधियों, स्वैच्छिक संस्थाओं के पदाधिकारियों और स्कूली बालिकाओं ने बेटियों के संरक्षण के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में अनेक जन-प्रतिनिधि, महिलाएँ और बालिकाएँ बड़ी संख्या में उपस्थित थीं।

जब मंत्री ने महिला सरपंच का घूँघट हटाया

महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल ने आज एक समारोह में सम्मानित होने मंच पर घूँघट में पहुँची महिला सरपंच श्रीमती सुशीला बाई गौड़ का घूँघट हटाकर लोगों को मध्यप्रदेश में चल रहे महिला सशक्तिकरण के दौर का अहसास कराया। श्रीमती बघेल बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत रवीन्द्र भवन में महिला-बाल विकास विभाग द्वारा कार्यशाला एवं सम्मान समारोह में महिलाओं-बेटियों को सम्मानित कर रही थीं। मंच पर सम्मानित होने के लिये जब भोपाल जिले के फंदा जनपद की तारा सेवनियाँ ग्राम-पंचायत की महिला सरपंच श्रीमती सुशीला बाई का नाम पुकारा गया तो वे परम्परा अनुसार घूँघट लेकर मंच पर पहुँची। अन्य अतिथियों के साथ मंच पर मौजूद श्रीमती रंजना बघेल ने श्रीमती सुशीला बाई को प्रमाण-पत्र व ट्रॉफी देने से पहले उनका घूँघट स्वयं हटाया, फिर सम्मानित किया। उनकी इस पहल का सभागृह में मौजूद लोगों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। आठवीं कक्षा उत्तीर्ण श्रीमती सुशीला बाई गौड़ ने सरपंच रहते हुए अपनी ग्राम-पंचायत में अनेक उत्कृष्ट कार्य किये हैं। उनके पति श्री रामस्वरूप गौड़ भी ग्राम-पंचायत के सरपंच रह चुके हैं।

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