भोपाल, अक्टूबर 2015/ लंबित पेंशन प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए संबंधित कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए है कि पेंशन प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाकर संबंधित को शासन मंशा के अनुसार लाभ दिया जाए । पेंशन नियम 49 के तहत दो वर्षों में सेवानिवृत्त होने जा रहे शासकीय सेवकों की सूची प्रत्येक वर्ष की 01 जनवरी तथा 01 जुलाई की स्थिति में तैयार की जाकर जिला पेंशन अधिकारी को अनिवार्य रूप से भेजे। शासकीय सेवकों की सेवापुस्तिका में वेतन निर्धारण अनुमोदन की स्थिति ज्ञात कर टीप, वसूली आदि की कार्यवाही की जाए, सेवा पुस्तिका में नामांकन, सेवा-सत्यापन, पदग्रहणकाल आदि नियमानुसार संधारण एवं नियमन करा लिया जाए। यदि किसी शासकीय सेवक के विरूद्ध न्यायालयीन एवं विभागीय जांच लंबित है, तो यथा संभव शीघ्रता से पूर्ण किए जाने का प्रयास किया जाए। सेवानिवृत्ति तिथि तक विभागीय जांच एवं न्यायालयीन कार्यवाही लंबित होने की स्थिति में पेंशन नियम 64 के अधीन अनन्तिम पेंशन अनिवार्य रूप से स्वीकृत की जाए।
यदि किसी शासकीय सेवक की मूल सेवा पुस्तिका गुम हो गई है तो सेवापुस्तिका की द्वितीय प्रति की अनुमति एवं मान्यता प्राप्त करने की कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण कर ली जाए। सेवा पुस्तिका में अंकित जन्मतिथि पर कांट-छांट या उपरिलेख होने की स्थिति में नियत प्रारूप में सेवानिवृत्ति के छः माह पूर्व पेंशन प्रकरण प्रस्तुत किया जाए। सभी कार्यालयों के अधीन सेवानिवृत्त एवं मृत शासकीय सेवक जिनके पेंशन प्रकरण जिला पेंशन अधिकारी द्वारा प्रकरण में परिलक्षित आपत्तियों की पूर्ति हेतु वापस किए गए है, उनकी पूर्ति कर प्रत्येक माह की 10 तारीख तक पेंशन कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें जिससे निराकरण की कार्यवाही की जा सके ।