जबलपुर, जुलाई 2013/ सहकारिता का सिद्धांत जबलपुर के कई परिवार के जीवन में बदलाव लाया है। मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के बंद हो जाने के बाद इस निगम से जुड़े कई कर्मचारी के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई थी। जबलपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के काम से जुड़े व्यक्तियों ने रोजगार की तलाश में नये तरीके से काम करने का विचार बनाया। इनमें सर्वश्री कृपाशंकर वर्मा, देवनारायण तिवारी और शंकरदयाल शर्मा ने सहकारिता के माध्यम से वाहन लेने की योजना बनाई। इन लोगों के पास बैंक से ऋण लेने के लिये अमानत रखने की भी व्यवस्था नहीं थी, बस था तो जज्बा।

इन लोगों ने वर्ष 2005 में ऋण पर बस लेकर जबलपुर से मण्डला पब्लिक ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया। निष्ठा से सहकारिता सिद्धांतों के प्रति समर्पित भाव से बढ़ते रहने का संकल्प लिया। महाकौशल ट्रांसपोर्ट सहकारिता मर्यादित के नाम से प्रारंभ हुए इस संगठन में 98 सदस्य हैं। संगठन द्वारा 28 बस का संचालन कर 160 कर्मचारी को रोजगार दिलाया जा रहा है। महाकौशल ट्रांसपोर्ट का वार्षिक टर्न-ओव्हर 6 करोड़ 50 लाख के करीब है। सहकारी संगठन के प्रबंध संचालक शंकरदयाल शर्मा बताते हैं कि वे इस संगठन को समाज में एक आदर्श के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। महाकौशल ट्रांसपोर्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अलावा कुछ और कार्य भी करना चाहती है। इनमें प्रमुख रूप से टायर री-ट्रेडिंग प्लांट, वाहन चालन प्रशिक्षण केन्द्र, बस बॉडी का निर्माण और पेट्रोल पम्प का संचालन आदि क्षेत्र हैं।

महाकौशल ट्रांसपोर्ट ने यात्रियों की सुविधा के लिये केट-कार्ड योजना भी प्रारंभ की है। योजना में नियमित यात्रा करने वाले यात्रियों के लिये वार्षिक कार्ड के आधार पर प्रतिदिन टिकिट पर 20 प्रतिशत तक की रियायत दी जा रही है। महाकौशल ट्रांसपोर्ट व्यापार के साथ-साथ अपने सामाजिक दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन कर रहा है। इनमें प्रमुख रूप से विकलांग व्यक्तियों को निःशुल्क यात्रा, राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क यात्रा के अलावा निर्धन परिवार की कन्या के विवाह में आर्थिक सहयोग प्रमुख है।

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