भोपाल, अप्रैल 2013/ मध्यप्रदेश में चार ‘मेगा सर्किट ’ परियोजनाओं को चिन्हित किया गया है। ये है- ओरछा-ग्वालियर-शिवपुरी-खजुराहो,इंदौर-उज्जैन-ओंकारेश्वर-महेश्वर-माण्डू,जबलपुर-भेड़ाघाट-मण्डला-कान्हा-बाँधवगढ़-अमरकंटक तथा भोपाल-साँची-भोजपुर-भीभबैठका-पचमढ़ी।

कुल 410 कि.मी. लम्बी ग्वालियर-शिवपुरी-ओरछा-खजुराहो ‘मेगा सर्किट’ परियोजना के तहत ओरछा सर्किट का काम पहले प्राथमिकता पर किया जायेगा। कुल 6474 लाख रुपये की ओरछा सर्किट परियोजना के अन्तर्गत तिघेला (झाँसी-खजुराहो टी.पाईंट) पर स्वागत द्वार, नगर तक पहुँचने के लिए दिशाएँ और दूरियाँ बताने वाले संकेत पट, सात ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण, बजट आवासों का विकास, कंचन घाट का विस्तारण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए भस्मक यंत्रों का उपयोग, जहाँगीर किले के विद्यमान मार्गों का उन्नयन तथा सनसेट पॉइन्ट पर पर्यटकों की सुविधाओं का विकास आदि कार्य शामिल है।

इसी श्रंखला में खजुराहो में पहुँच मार्ग का विकास, हास्पिटेलिटी और स्किल डेवलेपमेंट संस्थान, माइस पर्यटन के तहत डानतला में विकास कार्य, खजुराहो सांस्कृतिक गाँव का विकास तथा कुंती डेम, रनेह झरना आदि स्थलों के विकास कार्य शामिल है। इसी प्रकार मेगा सर्किट परियोजना के तहत ग्वालियर में बेजा और कटोरा तालाब का विकास, महाराजबाड़ा, ग्वालियर किला तथा तानसेन का मकबरा जैसी धरोहरों के विकास कार्य किए जायेंगें। शिवपुरी परियोजना में भाडिया कुण्डा, संख्य सागर तालाब तथा माधव राष्ट्रीय उद्यान के विकास और उन्नयन के कार्य शामिल किए गए हैं।

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