भोपाल, अगस्त 2013/ राज्य पुलिस बल के अधिकारियों-कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाये रखने के लिये उन्हें प्रतिवर्ष के.एफ. रूस्तमजी पुरस्कार से पुरस्कृत किया जायेगा। इसमें परम-विशिष्ट, अति-विशिष्ट और विशिष्ट पुरस्कार की श्रेणी रखी गई है। यह पुरस्कार राज्य-स्तरीय होगा। इसमें राज्य पुलिस सेवा और उसके नीचे के रेंक के पुलिस अधिकारी-कर्मचारी पुरस्कृत किये जा सकेंगे। पुरस्कार मरणोपरांत भी दिया जा सकेगा। यह पुरस्कार दिए जाने वाले वर्ष के ठीक पूर्व के वित्तीय वर्ष अर्थात 01 अप्रैल से 31 मार्च में किए गए कार्य के लिए दिया जाएगा।
घोषणा के तहत परम विशिष्टि श्रेणी में पांच पुरस्कार दिए जाएंगे और इसके तहत पाँच लाख रुपये अथवा रिवाल्वर, 12 बोर गन अथवा 315 बोर रायफल तथा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
अति विशिष्ट श्रेणी में छह पुरस्कार होंगे और इसके तहत दो लाख रुपये अथवा रिवाल्वर, 12 बोर गन अथवा 315 बोर रायफल तथा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।
विशिष्ट श्रेणी के 50 पुरस्कार रहेंगे और इसके अंतर्गत 50 हजार रुपये एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।
विशेष परिस्थितियों में किसी वर्ष में किसी श्रेणी विशेष में इन पुरस्कारों की संख्या राज्य शासन द्वारा बढ़ाई जा सकेगी।
चयन समिति – पुलिस महानिरीक्षकों से प्राप्त अनुशंसाओं पर विचार कर पुरस्कार के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों का चयन करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन की अध्यक्षता में चयन समिति का गठन किया जायेगा। इसमें पुलिस महानिरीक्षक गुप्त वार्ता, पुलिस महानिरीक्षक विशेष सशस्त्र बल सदस्य, पुलिस महानिरीक्षक प्रशासन सदस्य सचिव होंगे।
चयन के मापदण्ड – इन पुरस्कारों के लिये दस्यु उन्मूलन अभियान, नक्सल विरोधी अभियान, साम्प्रदायिक दंगों एवं कानून व्यवस्था की गंभीर परिस्थितियों के नियंत्रण में उल्लेखनीय सफलता और कार्य निर्वहन में उच्च कोटि की वीरता अथवा व्यावसायिक दक्षता का प्रदर्शन मुख्य मापदण्ड होंगे।
प्रक्रिया – विशिष्ट श्रेणी के पुरस्कार स्क्रीनिंग समिति की अनुशंसा पर पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन के बाद स्वीकृत किया जायेगा। अति-विशिष्ट एवं परम-विशिष्ट श्रेणी के पुरस्कार के प्रकरण स्क्रीनिंग समिति की अनुशंसा के बाद पुलिस महानिदेशक की अनुशंसा सहित राज्य शासन को स्वीकृति के लिये भेजेंगे।
किसी अधिकारी-कर्मचारी को वीरता पुरस्कार अथवा इस पुरस्कार में से किसी एक की पात्रता होगी। पुरस्कार दिये जाने के बाद यदि यह तथ्य सामने आते हैं कि पुरस्कार देने के आधार तथ्यात्मक नहीं थे तो पुरस्कार वापस लिया जा सकेगा। उल्लेखित कार्यों के अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिये सुशील चन्द्र वर्मा पुरस्कार योजना में अधिकारी-कर्मचारी पुरस्कृत किये जायेंगे।