भोपाल, अप्रैल 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नगरीय निकायों में चर्म-शिल्पियों के व्यवसाय के लिये उपयुक्त स्थानों का चयन किया जायेगा। चर्म-शिल्पियों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। प्रशिक्षण व्यय के साथ प्रशिक्षण लेने वाले शिल्पियों को भत्ता भी दिया जायेगा। चर्म-शिल्पियों की सामाजिक सुरक्षा योजना बनायी जायेगी, जिसमें चर्म-शिल्पियों को पंजीयन और परिचय-पत्र, उनके बच्चों के लिये छात्रवृत्ति, प्रसूति सहायता, चिकित्सा सहायता, कन्या विवाह और परिवार के मुखिया की मृत्यु पर सहायता की व्यवस्था की जायेगी। श्री चौहान अपने निवास पर आयोजित चर्म-शिल्पी पंचायत को सम्बोधित कर रहे थे। पंचायत में पूरे प्रदेश से आये करीब तीन हजार चर्म-शिल्पियों ने भाग लिया।
श्री चौहान ने कहा कि उज्जैन में संत रविदास का भव्य स्मारक बनाया जायेगा। चर्म-शिल्पियों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की मार्केटिंग में राज्य सरकार मदद करेगी। चर्म-शिल्पियों को उचित मूल्य पर कच्चा माल उपलब्ध करवाने के लिये इंदौर और ग्वालियर में डिपो बनाये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जाने वाले लघु शापिंग सेंटर में चर्म-शिल्पियों के लिये स्थान आरक्षित किये जायेंगे। शहरी क्षेत्रों में, जहाँ इस तरह के परिसर होंगे, वहाँ चर्म-शिल्पियों के लिए भी स्थान आरक्षित होंगे। चर्म-शिल्पियों को आधुनिक माँग के अनुरूप ख्याति प्राप्त संस्थाओं से कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। इनमें फुटवेयर डेवलपमेन्ट इंस्टीट्यूट, छिन्दवाड़ा, सेडमेप केन्द्रीय चर्म अनुसंधान केन्द्र चैन्नई और मेपकास्ट शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लेपटाप दिया जायेगा। साथ ही विदेश में अध्ययन पर 15 लाख रुपये तक की वार्षिक छात्रवृत्ति दी जायेगी।