इंदौर, दिसंबर 2012/ राज्यपाल  रामनरेश यादव ने कहा है कि आज तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को मानव मूल्यों की शिक्षा भी जरूरी है। विद्यार्थी असतो मा सद् गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय” के मार्ग पर चलते हुए अच्छा आचरण करें तथा अच्छा काम कर देश का नाम रोशन करें। राज्यपाल श्री वैष्णव प्रबंध संस्थान इंदौर के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने 3 करोड़ की लागत से बने वैष्णव रेसीडेंसी के अलावा श्री वैष्णव प्रबंध संस्थान की वेबसाइट का उद्घाटन भी किया।

राज्यपाल ने कहा कि हमें देश की शिक्षा के स्तर को सुधारकर उसे विश्व-स्तर का बनाना होगा। आज वैश्वीकरण के युग में यह और भी जरूरी हो गया है। युवा वर्ग की तारीफ करते हुए कहा कि आज का युवा वर्ग भविष्य और कैरियर के प्रति ज्यादा जागरूक है। प्रबंधन, तकनीक और विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा है। आधुनिक शिक्षा पद्धति में आधुनिकता के साथ परम्परा का सम्मिश्रण भी जरूरी हो गया है।

वेदों में कहा गया है कि हर जगह ईश्वर का वास है और हमें किसी की सम्पत्ति देखकर लालच नहीं करना चाहिये। आज राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण शिक्षा जगत की सबसे बड़ी चुनौती है। मातृशक्ति अर्थात महिलाओं की भागीदारी शिक्षा, व्यवसाय तथा नौकरी में बढ़ी है। राष्ट्र के विकास के लिये यह शुभ संकेत है।

राज्यपाल ने इस अवसर पर वैष्णव सहायक ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष बाबूलाल बाहेती तथा श्री वैष्णव प्रबंध संस्थान के पूर्व प्राचार्य डॉ.डी.पी.मिश्रा को शाल, श्रीफल तथा गणेश प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया।

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