भोपाल, अगस्त 2013/ मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े नौ साल की अवधि में महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया है। सरकार की बेहतर योजनाओं के फलस्वरूप बहन-बेटियों को प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने का निरंतर मौका मिला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी मंशा रही है कि प्रदेश की बालिकाएँ खूब पढ़ें और आगे बढ़ें, राज्य सरकार इसमें कोई कसर शेष नहीं छोड़ेगी।
महिलाओं-बेटियों को आर्थिक-सामाजिक क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिये राज्य सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्यादान जैसी योजनाएं चलाने के साथ ही महिला नीति का क्रियान्वयन, कामकाजी महिलाओं के लिये वसति गृह, जागृति शिविर, अल्प-कालीन आवास गृह, सिलाई केन्द्र, बेटी बचाओ अभियान, बाल विवाह विरोधी अभियान जैसे अभियान चलाएं हैं। केन्द्र शासन की सहायता से चल रही अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में भी मध्यप्रदेश पीछे नहीं रहा।
गाँव की बेटी योजना में गाँवों से 12 वीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा के लिए आगे पढ़ने वाली प्रतिभाशाली बालिकाओं को प्रतिमाह 500 रुपये की छात्रवृत्ति के मान से दस माह में 5 हजार रुपये दिये जा रहे हैं। अब तक एक लाख 27 हजार बालिकाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। बीपीएल परिवार की बालिकाओं के उच्च शिक्षा अध्ययन-अध्यापन के लिए संचालित प्रतिभा किरण योजना का लाभ अब तक 9 हजार 610 बालिकाओं ने उठाया है। प्रदेश में महिला साक्षरता की दर 50.3 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है।