भोपाल, जनवरी 2013/ मध्यप्रदेश में आधार कार्ड बनाने और जारी करने की प्रक्रिया में पिछले माह से काफी तेजी आ गई है। दिसम्बर माह के पहले 8 लाख कार्ड प्रति माह बन रहे थे। दिसम्बर माह में 16 लाख 50 हजार नामांकन हुए हैं। इस प्रकार इनकी संख्या लगभग दोगुना हो गई है। अभी तक प्रदेश में आधार कार्ड के लिए 2 करोड़ नामांकन हो चुके हैं। इनमें से डेढ़ करोड़ आधार कार्ड नंबर जारी कर दिए गए हैं। शेष नंबर जारी करने की प्रक्रिया जारी है।
युवाओं में आधार कार्ड बनवाने के प्रति काफी उत्साह है। अभी तक जो कार्ड बने हैं उनमें से 60 प्रतिशत कार्ड 15 से 45 वर्ष के युवाओं के हैं।
आधार कार्ड जारी करने के मामले में इंदौर सबसे आगे हैं, जहाँ 12 लाख 33 हजार कार्ड बने हैं। दस अन्य जिलों में भी अच्छा काम हुआ है। शाजापुर में 10 लाख 47 हजार, खंडवा 10 लाख 8 हजार, होशंगाबाद 8 लाख 62 हजार, भोपाल 8 लाख 39 हजार, देवास 8 लाख 9 हजार, मंदसौर 7 लाख 93 हजार, जबलपुर 7 हजार 42 हजार, रतलाम 7 लाख 19 हजार, ग्वालियर 5 लाख 13 हजार और बुरहानपुर में 5 लाख 4 हजार कार्ड बनाए गए हैं।
पन्द्रह जिलों में आधार कार्ड बनाने का काम अभी शुरू ही हुआ है। वहाँ इस कार्य को गति दी जा रही है। इन जिलों में डिण्डोरी, सिंगरौली, अशोकनगर, अलीराजपुर, उमरिया, शहडोल, झाबुआ, अनूपपुर, श्योपुर, सीधी, टीकमगढ़, दतिया, पन्ना, भिण्ड और बालाघाट शामिल हैं।
लोग अब आधार कार्ड के महत्व को समझने लगे हैं और इसके प्रति संजीदा हो गये हैं। आने वाले समय में सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आधार कार्ड के आधार पर दिया जाएगा। इसके लिए हितग्राही का अपना बैंक खाता होना आवश्यक होगा। खाते से आधार को लिंक किया जाएगा और हितग्राही के बैंक खाते में पैसा सीधा जमा हो जाएगा। इससे कोई हितग्राही योजनाओं का दोहरा लाभ नहीं ले सकेगा और सही हितग्राही को पूरा पैसा मिलेगा। यह कार्ड व्यक्ति की विशिष्ट पहचान भी होगा। भविष्य में आधार कार्ड रखना अनिवार्य होगा। लोगों को आधार कार्ड को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हर एक व्यक्ति का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से बनाया जाएगा।