भोपाल, मार्च 2013/ अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम मध्य प्रदेश में जन-निजी भागीदारी के माध्यम से चिन्हित क्षेत्रों में परियोजनाएं विकसित करने में सहयोग करेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में एम.ओ.यू. किया गया। वित्त निगम का यह सहयोग मुख्यमंत्री की गतवर्ष की गयी अमेरिका यात्रा का सुफल है। उस यात्रा के दौरान विश्व बैंक से इस संबंध में चर्चा हुई थी।

अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम विश्व बैंक समूह की एक संस्था है जो मुख्य रूप से निजी क्षेत्र को वित्त पोषण का काम करती है। एम.ओ.यू. पर अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम की ओर से आईएफसी की जन-निजीभागीदारी सलाहकार सुश्री इजाबेल चेतरटन और राज्य शासन की ओर से आयुक्त संस्थागत वित्त आशीष उपाध्याय ने हस्ताक्षर किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने का सशक्त माध्यम है। इस दिशा में राज्य सरकार तेजी से प्रयास कर रही है। प्रसन्नता का विषय है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम के अनुभव का इसमें लाभ मिलेगा। निजी और शासकीय संस्थाओं में केपिसिटी बिल्डिंग एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। चिन्हित क्षेत्रों में किये गये इन कार्यों से विकास दर बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रदेश में कृषि विकास दर 18.91 प्रतिशत है। इसे बनाये रखने के लिये फसल पद्धति परिवर्तन और उद्यानिकी क्षेत्र में ध्यान दिया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम की सुश्री चेतरटन ने कहा कि केपिसिटी बिल्डिंग में चिन्हित क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम महत्वपूर्ण सहयोग करता है। चिन्हित क्षेत्रों में जन-निजीभागीदारी के माध्यम से अधोसंरचनाएं विकसित की जायेगी। निजी क्षेत्र की सहभागिता से विकास की गति में वृद्धि होगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here