भोपाल, जनवरी 2013/ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा में ग्रामीण अंचलों में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये समय-समय पर विशेष निरीक्षण दल भेजकर जाँच-पड़ताल की जा रही है। मनरेगा के कार्यों के बेहतर अमल तथा निर्माण कार्यों की प्रक्रिया में सुधार के लिये स्थल-निरीक्षण के साथ ही संवर्त्ती लेखा परीक्षण की कार्यवाही भी हो रही है। राज्य-स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को भी विभिन्न जिलों में निर्माण कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता तथा पारदर्शिता के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा सामाजिक अंकेक्षण संचालनालय गठित किया गया है।

मनरेगा के निर्माण कार्यों की त्रुटियों तथा अनियमितताओं और गंभीर शिकायतों की पड़ताल के लिये समय-समय पर एक जिले से दूसरे जिले में तकनीकी दलों को भेजकर जाँच की जा रही है। वर्ष 2007 में सितम्बर से दिसम्बर माह तक सीधी जिले में ग्राम-पंचायतों में हुए निर्माण कार्यों का सघन निरीक्षण किया गया था। जाँच के दौरान अनियमित निर्माण कार्यों के मामलों में दोषी पाये गये 100 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही कर 8 करोड़ 32 लाख की वसूली की गई थी। वर्ष 2011 में जिला उमरिया के 120 कार्यों की सघन जाँच की गई थी। जाँच के बाद दोषी पाये गये लोगों के विरुद्ध संभाग आयुक्त शहडोल द्वारा और राज्य-स्तर से कार्यवाही की गई थी।

अक्टूबर, 2012 में बड़वानी जिले में मनरेगा के तहत हुए निर्माण कार्यों के संबंध में मजदूरी के लम्बित भुगतान और कार्यों में त्रुटियों और अनियमितताओं की जानकारी मिली थी। राज्य रोजगार गारंटी परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने जिले में जाँच की थी। इसके अलावा मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने भी विभिन्न कार्यों की स्थल-जाँच की थी। पहले चरण में जिले के विकासखण्ड पाटी, बड़वानी, पानसेमल और निवाली में 25 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक विशेष तकनीकी दलों ने सघन जाँच-पड़ताल की। इसके बाद अन्य विकासखण्डों, क्रमशः ठीकरी, सेंधवा और राजपुर में मनरेगा के निर्माण कार्यों के निरीक्षण के लिये भी विशेष जाँच दल भेजे गये थे। तकनीकी दलों ने वर्ष 2010-11 से 2012-13 की अवधि में अब तक हुए ऐसे सभी कार्यों की पड़ताल की, जिनकी प्रत्येक की लागत 3 लाख रुपये से अधिक है।

बड़वानी जिले में विभाग द्वारा स्व-प्रेरणा से करवायी गयी जाँच में अब तक 416 ग्राम-पंचायत के अंतर्गत सम्पन्न 4,706 निर्माण कार्य में से 2,646 का निरीक्षण किया जा चुका है। इस दौरान सहायक यंत्रियों द्वारा माप निरीक्षण की जिम्मेदारी में चूक, कुछ कार्यों में बनावटी माप के आधार पर मूल्यांकन, कुछ कार्यों में माप के स्पष्ट लोकेशन का माप-पुस्तिका में अंकित नहीं करना, कार्य चयन में उपयुक्तता की अनदेखी जैसी अनियमितताएँ पाई गईं। तकनीकी दलों द्वारा की गई स्थल-जाँच की कार्यवाही पूरी होने के बाद सूक्ष्म समीक्षा करते हुए अनियमितताओं के मामलों में अनुशासनात्मक तथा अन्य कार्यवाहियाँ की गई है। जाँच में प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये 3 संविदा उप-यंत्री को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। इसके अलावा एक प्रभारी सहायक यंत्री तथा एक उप-यंत्री को सेवा से निलम्बित किया गया है। अब माप-पुस्तिका के संधारण के संबंध में सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के दायित्वों के निर्वाह संबंधी निर्देश भी नये सिरे से जारी किये गये हैं। जाँच के सम्पूर्ण परिणाम आने के बाद समग्र कार्यवाही सुनिश्चित होगी।

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