भोपाल, अप्रैल 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मनरेगा को श्रमिकों के लिये अधिक उपयोगी बनाया जाना चाहिये। मनरेगा के माध्यम से श्रमिकों के हाथों में हुनर दिया जाय तो वे ज्यादा कमायेंगे। यह आम जनता के कल्याण के लिये बड़ा योगदान होगा। मुख्यमंत्री यहाँ मनरेगा-उपलब्धियां, चुनौतियों और अवसर विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में उपस्थित केन्द्रीय योजना आयोग के सदस्य डॉ. मिहिर शाह ने मनरेगा क्रियान्वयन की तारीफ करते हुये कहा कि मध्यप्रदेश ने जो मानक तय किये हैं उनका पूरे देश में उल्लेख होता है।
श्री चौहान ने कहा कि मनरेगा गरीब मजदूरों के लिये वरदान है। इसके क्रियान्वयन में यदि कोई कठिनाई है तो उसे दूर करना चाहिये। योजना में समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं होना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिये मध्यप्रदेश में अल्ट्रा बैंकिंग इकाई और मोबाईल बैंकिंग की व्यवस्था की गई है। तकनीकी अमले की कमी और फण्ड की अवरूद्धता की भी समस्या है। उन्होंने कहा कि बजट प्रस्तुत करने का समय वर्षा ऋतु में होना चाहिये ताकि सितम्बर माह में राशि मिल जाये तथा सितम्बर से जून माह तक विकास कार्य किये जा सकें। मार्च माह में बजट प्रस्तुत होने से काम करने के दो-तीन माह हिसाब-किताब में निकल जाते है।
डॉ. मिहिर शाह ने कहा कि मनरेगा के क्रियान्यन में मध्यप्रदेश ने जो मानक तय किये हैं उनका उल्लेख पूरे देश में किया जाता है। मनरेगा के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने के लिये और सुझाव देने के लिये केन्द्र द्वारा उनकी अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।