नई दिल्ली। बालाघाट केन्द्रीय सहकारी बैंक को माओवाद प्रभावित ग्राम में मोबाईल बैंकिंग को प्रोत्साहित करने के लिये नाबार्ड का राष्ट्रीय पुरस्कार, 2012 मिला है। नई दिल्ली में पिछले दिनों केन्द्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम् केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश एवं नाबार्ड के चेयरमेन प्रकाश बक्शी ने बैंक के अध्यक्ष उदयसिंह नगपुरे एवं प्रबंधक राजेश कुमार चौरागड़े को ‘नाबार्ड नवोन्मेष’ अवार्ड प्रदान किया। सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने पुरस्कार मिलने पर सहकारी बैंक पदाधिकारियों को बधाई दी है।
बालाघाट केन्द्रीय सहकारी बैंक ने जिले के बैहर तहसील के बिठली समिति के माओवाद प्रभावित 30 ग्राम में मनरेगा जाबकार्डधारियों को मजदूरी का भुगतान तत्काल दिलाने के लिये मोबाईल बैंक की पहुँच बनाई। इन ग्रामों में मजदूरों को जागरूक करने के लिये इफ्को की मदद से मोबाईल फोन एवं सोलर टार्च भी उपलब्ध करवाए गए।
बैंक के तत्कालीन प्रबंधक राजेश कुमार के अनुसार नक्सल प्रभावित इन ग्रामों में पूर्व में मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान काफी लम्बे समय तक प्राप्त नहीं हो पाता था। इन दिक्कतों की वजह से मनरेगा से जुड़े मजदूरों के सामने घर चलाना मुश्किल हो जाता था। इन दिक्कतों को देखते हुए बैंक ने एक योजना तैयार की और उसे बैंकर्स की डीएलसीसी के समक्ष रखा। प्रभावी योजना को देखते हुए बालाघाट के तत्कालीन कलेक्टर डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने इसे मंजूरी दी। इस योजना से नक्सल प्रभावित इन तीस गाँवों में जागरूकता आई और मनरेगा से जुड़े मजदूरों को मजदूरी के तत्काल बाद उनकी मजदूरी उनके गाँव में ही मिल रही है।
नाबार्ड के तीस वर्ष पूरे होने पर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों के जीवन में आधुनिक तकनीक के माध्यम सुधार लाने तथा उन्हें बेहतर सेवा देने के उद्देश्य से यह अवार्ड स्थापित किया गया है। पुरस्कार के लिये देश भर से निजी, सार्वजनिक, सहकारिता इत्यादि क्षेत्रों की 1400 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई थीं। इनमें से 30 प्रविष्टियों को अंतिम रूप से चुना गया। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश की अध्यक्षता में गठित जूरी ने 12 प्रविष्टियों को पुरस्कार के लिये चुना।