भोपाल। मध्यप्रदेश की विद्युत कंपनियों ने कुशल प्रबंधन तथा बेहतर नेटवर्क के चलते गत 19 अक्टूबर को प्रदेश के इतिहास में 8567 मेगावाट की उपभोक्ताओं को शीर्षस्थ बिजली की मांग की आपूर्ति कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व वर्ष 2012 में ही 3 मार्च को 8546 मेगावाट की शीर्षस्थ बिजली की मांग की आपूर्ति कर रिकार्ड बनाया गया था। बिजली आपूर्ति के इस ऐतिहासिक कीर्तिमान पर ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, ऊर्जा सचिव मोहम्मद सुलेमान और एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक मनु श्रीवास्तव तथा कंपनियों के एमडी ने प्रदेश के विद्युत क्षेत्र से संबद्ध समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है।
प्रबंध निदेशक ने जानकारी दी कि 8567 मेगावाट विद्युत आपूर्ति करने में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों से 1918 मेगावाट, जल विद्युत गृहों से 834 मेगावाट, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) सेंट्रल सेक्टर से 2377 मेगावाट, इंदिरा सागर जल विद्युत गृह से 989 मेगावाट, वहीं ओंकारेश्वर जल विद्युत गृह से 376 मेगावाट तथा सरदार सरोवर जल विद्युत गृह से 641, दामोदर वैली कार्पोरेशन (डीवीसी) से 314 मेगावाट और टोरेंट पावर से 37 मेगावाट बिजली का योगदान रहा। शेष विद्युत की आपूर्ति 791 मेगावाट मीडियम/शार्ट टर्म क्रय एवं बैंकिग के माध्यम से की गई। साथ ही अन्य स्त्रोतों से 290 मेगावाट बिजली ली जाना शामिल है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में त्यौहार और कृषि जरूरत को दृष्टिगत रख कर सतत् बिजली आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मांग के अनुरूप निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।