भोपाल, मई 2013/ मध्यप्रदेश में जिला गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम (डीपीआईपी) के द्वितीय चरण की सफलता से दुनिया के कई देशों ने प्रेरणा ली है। इस मक़सद से विश्व बैंक की पहल पर पिछले वर्षों में वियतनाम, लाओस और नेपाल से आये प्रतिनिधि-मण्डलों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों का भ्रमण किया है। उन्होंने डीपीआईपी के बेहतर अमल से सुदूर अँचलों के गरीब ग्रामीणों के जीवन में आयी समृद्धि और आर्थिक बदलाव को रू-ब-रू देखा है। इसी परिप्रेक्ष्य में विश्व बैंक के वाशिंगटन, अमेरिका स्थित मुख्यालय से विगत जून, 2011 में प्रबंध संचालक सुश्री नागजी ओकोंजो इविएला ने तथा नवम्बर, 2011 में प्रबंध संचालक मेहमूद मोहीउद्दीन ने भी डीपीआईपी के जरिये गरीब ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के कार्यों का जायजा लिया था और सराहना की। मध्यप्रदेश में डीपीआईपी के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन के लिये विश्व बैंक के जरिये 110 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता मुहैया हुई है। इसमें राज्य सरकार का 10 मिलियन डॉलर का अंश-दान शामिल है।

विश्व बैंक के भारत स्थित कंट्री डायरेक्टर ओनो रूहल ने रायसेन जिले के गैरतगंज विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर डीपीआईपी के जरिये संचालित आजीविका गतिविधियों का जायजा लिया और परियोजना के सफल प्रयासों की सराहना की। वे ग्राम इमलिया में विभिन्न स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों से रू-ब-रू हुए।

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