भोपाल, मार्च 2013/ नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल ने विभाग के इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि जो निर्माण एजेंसियाँ अपेक्षित परिणाम नहीं दे रही हैं, उन पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाये।

श्री अग्रवाल ने विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक में बताया कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की निर्मित और निर्माणाधीन परियोजनाओं से जनवरी 2013 तक 3 लाख 72 हजार 818 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित कर ली गई है। वर्ष 2012-13 में निर्मित क्षमता से 2 लाख 23 हजार हेक्टेयर रकबे को वास्तविक सिंचाई देने के लक्ष्य के विरूद्ध जनवरी 2013 तक 1 लाख 81 हजार हेक्टेयर रकबे में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। मार्च 2013 तक 2 लाख 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वास्तविक सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रयास युद्ध-स्तर पर जारी हैं।

श्री अग्रवाल ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना का निर्माण एक वर्ष की अवधि में पूरा करने के सघन प्रयास किए जा रहे हैं। एक वर्ष की अवधि में नर्मदा से 5 क्यूसेक जल उद्वहन कर क्षिप्रा के उद्गम में प्रवाहित किया जायेगा। इससे देवास, उज्जैन शहर सहित लगभग 150 गाँव की पेयजल समस्या का समाधान होगा। क्षेत्र की औद्योगिक जल की आवश्यकता की पूर्ति भी की जा सकेगी और परियोजना से वर्ष 2016 के सिंहस्थ पर्व में पर्याप्त जल भी उपलब्ध होगा।

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