भोपाल, सितंबर 2013/ मध्यप्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अभ्यर्थी द्वारा प्रतिदिन किये जाने वाले निर्वाचन व्यय पर निगरानी के लिये प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन व्यय तंत्र गठित होगा। निर्वाचन आयोग ने अभ्यर्थियों को निर्वाचन व्यय के लेखों का दैनिक रख-रखाव अनिवार्य रूप से रखने को कहा है। निर्वाचन व्यय लेखा निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि से 30 दिन के भीतर प्रस्तुत करना होगा। उम्मीदवारों द्वारा किये गये निर्वाचन व्यय के निरीक्षण के लिये प्रत्येक जिले में कम से कम एक व्यय प्रेक्षक नियुक्त होगा।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीईओ) द्वारा निर्वाचन अधिसूचना की तारीख के दिन प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिये सहायक व्यय प्रेक्षक (एईओ) नियुक्त किया जायेगा। एईओ केन्द्र सरकार की सेवाओं के अधिकारी या आयकर विभाग के अधिकारी (आईटीओ) होंगे। आयकर, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और लेखा परीक्षा एवं लेखा से जुड़े केन्द्र सरकार एवं केन्द्रीय लोक उपक्रमों के कर्मचारियों को इसमें तरजीह दी जायेगी। जिले में ऐसे अधिकारी न होने पर राज्य कोषागार या वित्त विभाग के अधिकारियों को नामित किया जायेगा। उन्हें वाहन, निजी सुरक्षाकर्मी, स्थानीय सिम कार्ड तथा रिटर्निंग ऑफीसर के कार्यालय परिसर में स्थान उपलब्ध करवाया जायेगा, जिससे वे सभी टीमों, नोडल अधिकारियों और व्यय प्रेक्षक के साथ समन्वय कर सकेंगे।

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक या उससे अधिक वीडियो टीम तैनात की जायेगी। टीम में एक कर्मचारी और एक वीडियोग्राफर रहेगा। आवश्यक होने पर व्यय प्रेक्षक की सिफारिश से अधिक संख्या में टीमें तैनात की जायेंगी। सहायक व्यय प्रेक्षक द्वारा निर्वाचन क्षेत्र में संवेदनशील घटनाओं और सार्वजनिक रैलियों की वीडियोग्राफी का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया जायेगा। एक ही दिन में अधिक रैलियाँ, जुलूस होने पर रिकार्डिंग के लिये एक से अधिक वीडियो टीम तैनात होंगी। वीडियो निगरानी दल सहायक व्यय प्रेक्षक की निगरानी में कार्य करेंगे। प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिये कम से कम एक लेखा टीम भी होगी, जिसमें एक कर्मचारी और एक सहायक लिपिक होगा।

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