भोपाल, अप्रैल 2013/ राज्य शासन ने प्रदेश में विकास के विभिन्न क्षेत्र में निवेश संवर्धन की प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया है। समिति में वित्त, वाणिज्यिक कर एवं वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के मंत्री सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। मुख्य सचिव समिति के सचिव तथा अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग सह-सचिव होंगे। समिति की बैठक में विषय से संबंधित अन्य मंत्री को भी आमंत्रित किया जा सकेगा। इसके अलावा बैठक में संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव समिति के कार्य सम्पादन में सहायता के लिये उपस्थित हो सकेंगे।
निवेश संवर्धन पर गठित उक्त मंत्रि-परिषद समिति के संबंध में वही प्रक्रिया अपनायी जायेगी, जो मंत्रि-परिषद के समक्ष प्रस्तुत किये जाने वाले मामलों के संबंध में अपनायी जाती है। राज्य शासन ने समिति की बैठक में मामले प्रस्तुत करने के लिये कार्य-विधि निम्नानुसार निर्धारित की है।
समिति के विचार के लिये मुख्य विषय-वस्तु
मंत्रि-परिषद समिति की बैठक में विचार के लिये मुख्य विषय-वस्तु में राज्य में निवेश संवर्धन के लिये विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की गई नीतियों के अंतर्गत समस्त स्वीकृति तथा अनुमोदन के विषय शामिल होंगे। समिति को राज्य की निवेश नीति की व्याख्या एवं उनमें संशोधन का अधिकार प्राप्त होगा। समिति द्वारा निवेश प्रस्ताव से संबंधित भूमि आवंटन, जल आपूर्ति तथा विद्युत प्रदाय आदि अधोसंरचना संबंधी समस्त विषय पर प्रकरणवार सैद्धान्तिक स्वीकृति दी जा सकेगी। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद समिति द्वारा निवेश संवर्धन से संबंधित अंर्तविभागीय मुद्दों का निराकरण भी किया जा सकेगा।