भोपाल, नवम्बर 2015/ ऊर्जा, खनिज साधन एवं जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि युवाओं को आत्म- केन्द्रित न होकर देश के विकास में अपनी भूमिका तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के विकास में युवा शक्ति सहभागी बने। श्री शुक्ल आज अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चाणक्य नेशनल लॉ यूनीवर्सिटी पटना के कुलपति डॉ. ए. लक्ष्मीनाथ थे।
समारोह में देश की तीन विभूतियों को डी.लिट., 37 विद्यार्थियों को डी.एस.सी., पी.एच.डी. एवं एम.फिल., 41 विद्यार्थियों को कुलपति स्वर्ण पदक तथा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की उपाधि का वितरण किया गया।
श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि छात्रों ने जो उच्च शिक्षा प्राप्त की हैं, उसका उपयोग समाज और देश के उत्थान में हो तभी उसकी सार्थकता है। उन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त विद्यार्थियों की चर्चा करते हुए कहा कि इससे प्रदर्शित होता है कि देश में प्रतिभा की कमी नहीं है। आवश्यकता उसके समुचित उपयोग की है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमें समय के मूल्य को पहचानना होगा। श्री शुक्ल ने कहा कि युवा वर्ग तत्परता और तेजी को अपना स्वभाव बना लें, तो विकास के कार्यों में गति आयेगी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय से निकले विद्यार्थी देश और प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
डॉ. ए.लक्ष्मीनाथ ने कहा कि विश्वविद्यालय, संस्कृति और सभ्यता के केन्द्र रहे हैं। तक्षशिला और नालंदा इसके उदाहरण हैं। विदेशी आक्रांताओं ने इन विश्वविद्यालयों को ध्वस्त किया, जिससे वे अपनी सभ्यता और संस्कृति हमारे देश पर थोप सकें। उन्होंने कहा कि आचार्य चाणक्य सोशल इंजीनियरिंग के प्रणेता थे। उन्होंने जाति के नहीं गुणों के आधार पर अपने शिष्य चुने और चन्द्रगुप्त को सफल शासक के रूप में विकसित किया। कुलपति प्रो. के.एन.सिंह यादव ने विश्वविद्यालय के इतिहास और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती ममता गुप्ता, विधायक श्रीमती शीला त्यागी सहित अनेक जन-प्रतिनिधि, कुलपति जबलपुर विश्वविद्यालय और विद्यार्थी तथा नागरिक उपस्थित थे।