इन्दौर, अप्रैल 2013/ इन्दौर में चार वर्ष की अबोध बालिका के साथ कुकृत्य करने के बाद उसकी हत्या करने वाले तीन आरोपियों को इंदौर जिला न्यायालय में अपर सत्र् न्यायाधीश सुश्री इंदिरा सिंह ने फाँसी और आजीवन कारावास की सजा सुनाईर्। इन लोगों ने बालिका की हत्या करने के बाद उसकी लाश नाले में फेंक दी थी।

प्रकरण में जितेन्द्र ऊर्फ जीतू, बाबू उर्फ केतन और सन्नी ऊर्फ देवेन्द्र के खिलाफ फरियादी अजय ने 25 जून 2012 को स्थानीय एलआईजी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। यह घटना 24 जून 2012 को हुई। इस प्रकार घटना के लगभग 10 माह के भीतर यह ऐतिहासिक फैसला आ गया।

तीनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 363 के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास, 376 के तहत आजीवन कारावास, धारा 201 के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास और धारा 302 के तहत मृत्यु दंड की सजा दी गई है। तीनों को 2500 रुपये अर्थ दंड या 10 माह की सजा भी दी गई है। आरोपियों को उच्च न्यायालय ने अपील के लिए 30 दिन का समय दिया है।

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