भोपाल, अगस्त 2013/ मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप इस साल दिसम्बर तक 800 मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित होंगी। इसी तरह दिसम्बर, 2014 तक 1800 मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाएँ और स्थापित हो सकेंगी।
पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के लिये आकलित 5500 मेगावॉट क्षमता की परियोजनाओं के निजी क्षेत्र के माध्यम से त्वरित क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकार द्वारा पवन ऊर्जा नीति-2012 लागू की गई है। प्रदेश में अब तक 324 मेगावॉट क्षमता की परियोजना स्थापित की जा चुकी है। वर्तमान में 217.8 मेगावॉट क्षमता की सात परियोजना निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा 1260 मेगावॉट क्षमता की 39 परियोजनाएँ निजी क्षेत्रों को आवंटित हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में उपलब्ध लगभग 3000 मेगावॉट क्षमता की पवन ऊर्जा के दोहन के लिये राज्य सरकार द्वारा सघन प्रयास किये जा रहे हैं। देवास और रतलाम जिलों में वायु वेग अधिक है। इन जिलों में एक स्थल पर अधिक क्षमता के पवन ऊर्जा पार्क स्थापित कर बड़ी क्षमता की विद्युत ग्रिड प्राप्त हो सकेगी। देवास जिले के जामगोदरानी हिल्स में पूर्व तकनीक पर आधारित पुराने विंड टरबाईन जनरेटर के स्थान पर नवीनतम विंड टरबाईन जनरेटर की स्थापना से उक्त स्थल पर उपलब्ध पवन ऊर्जा का अधिकतम दोहन हो सकेगा। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा इन जिलों में पवन ऊर्जा पार्क के लिये विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है।