भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जिस जमीन में गरीब व्यक्ति रह रहा है, उसे उस जमीन का पट्टा दिया जायेगा। उन्होंने भारत सरकार से भूमि सुधार कानून शीघ्र बनाने का अनुरोध किया और भरोसा दिलाया कि इस कानून को मध्यप्रदेश सरकार पूरा समर्थन देगी और उसे लागू करेगी। उन्होंने गरीबों के हक में अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से एक जुट होने का आह्वान भी किया।
मुख्यमंत्री बुधवार को समग्र भूमि सुधार कानून बनाने के लिये एकता परिषद द्वारा चलायी जा रही जन सत्याग्रह पदयात्रा में आगरा में जाकर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वे कुर्सी छोड़ सकते हैं, लेकिन गरीबों का साथ नहीं छोड़ सकते। टाइगर बचाए जाएं लेकिन ट्राइबल को विस्थापित किया जाना मंजूर नहीं है। गरीबों के मुद्दे राजनीति के केन्द्र में होना चाहिये। आम आदमी के मुद्दों पर विशेष चर्चा की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में 1 लाख 76 हजार बनवासियों को जमीन के पट्टे दिये गये हैं। पट्टे देने का यह अभियान आगे भी चलेगा, जब तक हर एक आदिवासी एवं वन निवासी को पट्टे नहीं मिल जाते। प्रदेश में वनोपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने तथा किसानों एवं मछुआरों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की अभूतपूर्व पहल की गई है। केन्द्र सरकार भी इस दिशा में जरूरी कदम उठाए।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र से भूमि सुधार कानून बनाने के लिये एक काउंसिल गठित करने का अनुरोध किया जिसमें जनता से जुड़े हुए व्यक्तियों को भी शामिल कर, इसकी शीघ्र बैठक करवाकर ठोस कानून बनाने की पहल हो। भूमि सुधार के लिये बनाये जाने वाले कानून का मध्यप्रदेश में पूरी शिद्दत के साथ पालन किया जायेगा। साथ ही इसके लिये वे अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से भी अनुरोध करेंगें। मध्यप्रदेश को आदर्श राज्य बनाने के लिये सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। उनके लिये समाज के सबसे अंतिम छोर पर खड़ा व्यक्ति सर्वोपरि है। वे गरीबों के हक की लड़ाई में सदैव उनके साथ हैं।
- मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह आगरा के पास ग्राम रोहता में जन-सत्याग्रह शामिल हुए।
- मुख्यमंत्री ने रोहता से सीओडी मैदान आगरा तक पाँच किलोमीटर की पदयात्रा की।
- पदयात्रा में मुख्यमंत्री के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह एवं महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती रंजना बघेल तथा मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. अजय मेहता थे।
- छ: किलोमीटर की दूरी तक फैले विभिन्न राज्यों से हजारों जन-सत्याग्रहियों से मुख्यमंत्री ने खुले वाहन में सवार होकर मुलाकात की और उनकी कुशल-क्षेम पूछी।
- मुख्यमंत्री ने पदयात्रा में शामिल हो कर जन-सत्याग्रह को नैतिक समर्थन दिया
- मुख्यमंत्री ने विदेश यात्रा पर होने के कारण 5 अक्टूबर को मुरैना में मोबाइल के माध्यम से सत्याग्रहियों को संबोधित किया था और स्वदेश लौटकर यात्रा में शामिल होने का वादा किया था, जिसे उन्होंने आज पूरा किया।
- एकता परिषद द्वारा आयोजित यह जन-सत्याग्रह पदयात्रा 3 अक्टूबर को ग्वालियर से दिल्ली के लिये रवाना हुई थी, जो आज आगरा पहुँची। यात्रा में एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पी.वी. राजगोपाल एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मी तथा पदयात्रा के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. रनसिंह परमार एवं अन्य पदाधिकारी और स्वयंसेवी शामिल थे।