भोपाल, जून 2013/ मध्‍यप्रदेश सरकार ने स्‍पष्‍ट किया है कि मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना केंद्र सरकार नहीं अपितु राज्य सरकार के संसाधनों से क्रियान्वित की जा रही है। सरकार ने कुछ समाचार-पत्रों में प्रकाशित उन खबरों को गलत बताया है जिनमें कहा गया है कि मध्यप्रदेश सरकार केंद्र के अनुदान से अन्नपूर्णा योजना चला रही है और इस अनुदान में से 200 करोड़ रुपए बचा रही है।

वास्तविकता यह है कि मध्यप्रदेश को खाद्यान्न वितरण के लिए पूर्व में नियंत्रित दरों पर गेहूँ- चावल के अलावा केंद्र से कोई अतिरिक्त राशि प्राप्त नहीं हो रही है। जो 5 प्रतिशत की दर से उपार्जित गेहूँ पर क्रय कर की प्रतिपूर्ति केंद्र से प्राप्त होती है वह सभी राज्यों को वाणिज्य कर प्रतिपूर्ति नीति अंतर्गत दी जाती है और इसे प्राप्त करना सभी राज्यों का अधिकार है। ऐसी राशि का सार्वजनिक वितरण प्रणाली से कोई संबंध नहीं है। केंद्र से प्राप्त क्रय कर प्रतिपूर्ति राशि कहीं भी व्यय की जा सकती है चूँकि ऐसी राशि राज्य के सामान्य राजस्व में जमा होती है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा गरीबों के लिए 1000 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय अनुमानित है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में प्रदेश में अंत्योदय परिवारों को गेहूँ 2 रुपए प्रति किलो और चावल 3 रुपए प्रति किलो उपलब्ध करवाया जा रहा था। बीपीएल परिवारों को गेहूँ 3 रुपए प्रति किलो और चावल 4 रुपए 50 पैसे प्रति किलो की दर पर उपलब्ध हो रहा था।

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