भोपाल, जून 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री आस्कर फर्नांडीस को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने की सहमति दे और इसके पूरी तरह बंद न होने से उत्पन्न देनदारियों में 29.5 प्रतिशत राशि का वहन करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार नुकसान होने के कारण 8 वर्ष पहले मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का फैसला किया गया था। निगम में केन्द्र सरकार की 29.5 प्रतिशत भागीदारी होने से इसे बंद करने के लिए केन्द्र से सहमति माँगी गई थी जो 23 मार्च 2005 को मिल गई। लेकिन 9 नवम्बर 2009 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी एनओसी श्रम से संबंधित कुछ शिकायतों का हवाला देकर वापस ले ली। राज्य सरकार ने श्रम मंत्रालय से चर्चा की। लेकिन कोई हल नहीं निकला और अब मामला अधर में झूल रहा है।

मुख्यमंत्री ने श्री फर्नांडीस को बताया कि निगम की सारी गतिविधियाँ पूरी तरह रूक गई हैं और बर्खास्त कर्मचारियों ने न्यायालय से बहाली का आदेश प्राप्त कर लिया। इस तरह 463 कर्मचारियों को बिना काम के वेतन का पूरा खर्च राज्य सरकार पर आ रहा है। कोर्ट आदेश के पालन तथा वित्तीय संस्थानों की देनदारियों पर राज्य सरकार 630 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। चूँकि निगम में केन्द्र सरकार की 29.5 प्रतिशत भागीदारी है। अतः उसे अपने हिस्से के 141 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति करनी चाहिए थी। इसके अलावा 3,611 करोड़ रुपये की बकाया देनदारियाँ हैं, उनमें भी इसी अनुपात में हिस्सेदारी होनी चाहिए।

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