भोपाल, सितम्बर 2015/ राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने छात्र-छात्राओं से कहा है कि मन,कर्म और वचन में एकरूपता रखते हुए जीवन में आगे बढ़ें और कथनी और करनी में समन्वय स्थापित करें। उन्होंने यह बात आज यहाँ बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। राज्यपाल श्री यादव ने वर्ष 2012,13 और 14 के 24 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक, दो छात्रों को प्रायोजित स्वर्ण पदक तथा एक डीलिट, 100 पीएचडी, 103 स्नातकोत्तर और 40 स्नातक के विद्यार्थियों को उपाधियाँ दीं। विश्वविद्यालय की ओर से नोबल पुरस्कार प्राप्त श्री कैलाश सत्यार्थी, लोकसभा सदस्य डॉ. मुरली मनोहर जोशी को डीएससी और जापान के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु एवं लेखक प्रोफेसर डाइसाकू इकेडा को डीलिट की मानद उपाधि देने की घोषणा की गई। पूर्व सांसद श्री कैलाश जोशी, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति श्री मुरलीधर तिवारी, अटलबिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री छीपा और राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री अजय तिर्की उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री यादव ने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे ईमानदारी, धैर्य और संकल्प के साथ आगे बढ़ें। भारतीय दर्शन, संस्कृति और संसार जीवन में सफलता प्राप्त करने की सीढ़ी है। राज्यपाल ने कहा की छात्राओं में जिस तेजी से शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, इससे यह विश्वास हो गया है कि अब हमारे देश को फिर से विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से लालच से दूर रहने का आव्हान किया। राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि माता-पिता के बाद शिक्षकों पर विद्यार्थियों को सदाचार, नैतिक मूल्यों और अच्छे गुण पैदा करने का दायित्व है।
कुलपति डॉ. मुरलीधर तिवारी ने कहा कि विद्यार्थियों को व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर विश्व शांति, सौहार्द और भाईचारे की भावना के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में संसाधनों की कमी नहीं है, हमें उनका उपयोग तर्कपूर्ण हो इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। कुलपति डॉ. तिवारी ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शपथ दिलवाई। समारोह में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री अनिल कुमार शर्मा, संकायों के अधिष्ठाता, छात्र-छात्राएं, अभिभावक और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।