भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना को एक वर्ष की समय-सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने अगले चरण में कालीसिंध, पार्वती और गंभीर नदी को नर्मदा नदी से जोड़ने की परियोजना बनाने को कहा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ नर्मदा नियंत्रण मंडल की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में करीब 432 करोड़ रुपये लागत की महत्वाकांक्षी नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना का अनुमोदन किया गया। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री के.एल. अग्रवाल भी उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक परियोजना का प्रथम चरण पूरा होने के बाद इसकी क्षमता बढ़ाने के लिये भी आगे योजना बनायी जाय। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक अपने हिस्से के नर्मदा जल का पूरा उपयोग करना प्रदेश के सामने एक बड़ी चुनौती है। श्री चौहान का कहना था कि नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना संपूर्ण मालवा क्षेत्र की पेयजल समस्या के स्थायी हल की दिशा में ऐसा कार्य होगा जिसके पूर्ण होने पर अन्य प्रस्तावित नदियों को जोड़ने का रास्ता भी सुगम हो सकेगा।

बैठक में बताया गया कि नर्मदा-क्षिप्रा सिंहस्थ लिंक योजना के अंतर्गत ओंकारेश्वर दाँयी तट नहर के खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के सिसलिया जलाशय से इन्दौर जिले के ग्राम उज्जैनी तक 348 मीटर ऊँचाई तक नर्मदा जल उद्वहन किया जायेगा। योजना में 5 क्यूसेक क्षमतायुक्त लगभग 49 किलोमीटर लंबी राइजिंगमेन बनायी जायेगी। योजना से देवास और उज्जैन शहर को पेयजल तथा उद्योगों को आवश्यक जल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ के तीर्थ-यात्रियों को आवश्यक जल उपलब्ध करवाया जायेगा।

बैठक में मुख्य सचिव आर. परशुराम, प्रमुख सचिव नर्मदा घाटी विकास  रजनीश वैश, प्रमुख सचिव वित्त अजयनाथ और प्रमुख सचिव जल संसाधन राधेश्याम जुलानिया सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here