भोपाल, मई 2013/ मुख्य सचिव आर. परशुराम ने कहा है कि ईको-टूरिज्म का विकास तभी संभव है जब इसमें स्थानीय जन-समुदाय का सहयोग और उनकी सहभागिता सुनिश्चित हो। ईको-टूरिज्म बोर्ड सतत रूप से ईको-टूरिज्म गतिविधियों में नवाचार लाकर देशी और विदेशी पर्यटकों को इससे जोड़े। मुख्य सचिव ने सिवनी जिले के ग्राम टुरिया में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के किपलिंग कोर्ट में मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा आयोजित ईको-पर्यटन कार्यशाला को संबोधित किया। एक दिवसीय कार्यशाला में मध्यप्रदेश में ईको-टूरिज्म सेक्टर के विकास के लिये निहित संभावनाओं, भावी रणनीतियों और प्रक्रियाओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

मुख्य सचिव ने कहा कि टाईगर टूरिज्म के अलावा अब मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है। ईको-टूरिज्म के विस्तार के लिये बोर्ड और वन विभाग दोनों अपनी पर्यटन सेवाओं में गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान दें। सिवनी जिले के रूखड़, कर्माझिरी और पायली में भी होम स्टे टूरिज्म की सभी संभावनायें तलाशी जानी चाहिये।

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