उज्जैन, जून 2013/ पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा है कि आधुनिक खगोल विज्ञान को समृद्ध बनाने के लिये उसे प्राचीन विज्ञान से जोड़ने की आवश्यकता है। खगोल विज्ञान जिज्ञासा का विषय है, जिसका आकर्षण हमेशा बना रहेगा। श्री कलाम उज्जैन में प्रथम अत्याधुनिक तारा मण्डल का लोकार्पण कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय विशेष रूप से उपस्थित थे।
डॉ. कलाम ने कहा कि यह तारा-मण्डल विद्यार्थियों को खगोल विज्ञान के रहस्य समझने में काफी मददगार होगा। उन्होंने युवाओं से विज्ञान को आजीवन मिशन बनाने की अपील की। विज्ञान के माध्यम से ऊर्जा और जल-संकट, वेस्ट मैनेजमेंट आदि चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तारा-मण्डल परिसर में थ्री डी आईमेक्स थियेटर के लिये 5 करोड़ रुपये की घोषणा की। उन्होंने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में शोध पीठ स्थापना करने की भी घोषणा की।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उज्जैन में तारा-मण्डल और डोंगला में वेधशाला का निर्माण मुख्यमंत्री और आएसएस के सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी के प्रयासों का परिणाम है।
डॉ. कलाम द्वारा मुख्यमंत्री की सराहना
कार्यक्रम में डॉ. कलाम ने कहा कि राजनीति दो तरह की होती है- एक केवल राजनीति और दूसरी विकासात्मक राजनीति। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना पूरा ध्यान विकास की राजनीति पर केन्द्रित किया है।
बहुत अच्छा लेख है। प्राचीन भारत में खगोल विज्ञान की बहुत उन्नति हुई थी। ऐसी स्वाभिमान से युक्त सूचना के लिए बहुत धन्यवाद। प्राचीन खगोल विज्ञान के बारे में विस्तार से जानने के लिए व भारतीय होने पर गौरव करने के लिए
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