भोपाल, अगस्त 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त करने वाले सैनिकों की तरह देश की आंतरिक सुरक्षा के दौरान कर्त्तव्य की बलिवेदी पर प्राणोत्सर्ग करने वाले भी शहीद हैं। दोनों में कोई भेद नहीं किया जा सकता। आंतरिक सुरक्षा की रक्षा की खातिर प्राणों का उत्सर्ग करने वाले शहीदों के परिजन भी समान रूप से सम्मान और सुविधा के हकदार हैं। श्री चौहान गुरूवार को पदक विजेता पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिजन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री निवास पर इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती साधना सिंह, पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे, पुलिस महानिदेशक जेल सुरेन्द्र सिंह, महानिदेशक अध्यक्ष पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन एस.एस. लाल, महानिदेशक होमगार्ड ऋषि शुक्ला उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि पुलिस राज्य की सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था पर ध्यान दे। पुलिस की जरूरतों पर प्रदेश सरकार ध्यान देगी। आवासीय समस्या के समाधान के लिये नये आवास बनाये जा रहे हैं। वर्ष 2004-05 में पुलिस बल की संख्या 70 हजार थी, जो आज बढ़कर एक लाख से अधिक हो गयी है। राज्य पुलिस ने शांति एवं व्यवस्था के लिये उत्कृष्ट कार्य किया है। श्री चौहान ने पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों के परिजन के त्याग और बलिदान का उल्लेख करते हुए मरणोपरांत पदक विजेताओं के परिजनों से कहा कि वे स्वयं को कभी अकेला महसूस नहीं करें। राज्य की सरकार सदैव उनके साथ है।